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Reserve Bank of India: अगर आपका बैंक खाता किसी सहकारी बैंक में है तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए। पिछले कुछ सालों से बैंकों को रिजर्व बैंक (RBI) की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।
इसका असर यह हुआ कि आरबीआई ने कुछ बैंकों के लाइसेंस तक रद्द कर दिए। इतना ही नहीं केंद्रीय बैंक ने कुछ बड़े बैंकों पर भारी जुर्माना भी लगाया है। रिजर्व बैंक की कार्रवाई में सबसे ज्यादा नुकसान सहकारी बैंकों को हो रहा है।
रिजर्व बैंक ने 114 बार जुर्माना भी लगाया
31 मार्च को खत्म होने वाले वित्त वर्ष 2022-23 में आठ सहकारी बैंकों के लाइसेंस आरबीआई ने रद्द कर दिए हैं। इन बैंकों पर नियमों का पालन नहीं करने पर रिजर्व बैंक 114 बार जुर्माना भी लगा चुका है। आपको बता दें कि सहकारी बैंकों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवा का तेजी से विस्तार हुआ है. लेकिन इन बैंकों में सामने आ रही अनियमितताओं की वजह से आरबीआई को कठोर कदम उठाने पड़े।
नियमों में लापरवाही का आरोप
सहकारी बैंकों को दोहरे विनियमन और कमजोर वित्त के अलावा स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। रिजर्व बैंक ने नियमों में लापरवाही करने वाले सहकारी बैंकों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. पिछले एक साल में आठ बैंकों के परमिट रद्द किए जा चुके हैं। आइए जानते हैं कि आरबीआई ने किन बैंकों के परमिट रद्द किए?
इन बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए
1. मुधोल सहकारी बैंक
2. मिलाथ सहकारी बैंक
3. श्री आनंद सहकारी बैंक
4. रुपया सहकारी बैंक
5. डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक
6. लक्ष्मी सहकारी बैंक
7. सेवा विकास सहकारी बैंक
8. बाबाजी दाते महिला अर्बन बैंक
आरबीआई द्वारा ऊपर उल्लिखित बैंकों के लाइसेंस अपर्याप्त पूंजी, बैंकिंग विनियमन अधिनियम के नियमों का पालन न करने के कारण किए गए थे। साथ ही भविष्य में आय की संभावनाओं की कमी जैसे कारणों से रद्द कर दिया गया। पिछले कई वर्षों से सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की निगरानी आरबीआई द्वारा की जा रही है। केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2021-22 में 12 सहकारी बैंकों, 2020-21 में 3 सहकारी बैंकों और 2019-20 में दो सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
(pc rightsofemployees)