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राशन कार्ड नए नियम 2023: राशन कार्डधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अगर आप भी फ्री राशन का फायदा उठाते हैं तो केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है.
बताया जा रहा है कि 20 अप्रैल से राशन के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. 20 अप्रैल से राशन का नया नियम लागू हो जाएगा। अगर आप भी राशन कार्ड धारक हैं और मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं तो आपको तुरंत नया नियम जान लेना चाहिए। आपको बता दें कि यह नया नियम 269 जिलों सहित कई जगहों पर लागू होगा।
मार्च 2024 तक पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा
आपको बता दें कि सरकार ने बताया है कि फोर्टिफाइड (पोषक तत्वों से भरपूर) चावल का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है. यह सुविधा देश के कई जिलों में शुरू की जा चुकी है। इसके साथ ही मार्च 2024 तक इसे सभी जिलों में लागू कर दिया जाएगा।
केंद्रीय खाद्य मंत्री ने दी जानकारी
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राजस्थान के कई जिलों में 20 अप्रैल से इसे लागू किया जा रहा है. पीएम मोदी ने जानकारी देते हुए बताया था कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से पोषाहार का वितरण किया जाएगा. इसी वजह से सरकार ने फोर्टिफाइड चावल बांटने का फैसला किया है।
महिलाओं में एनीमिया की समस्या दूर होगी
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले से बच्चों और महिलाओं में खून की कमी की समस्या दूर हो जाएगी। इसके साथ ही अक्टूबर 2021 में चरणबद्ध तरीके से सूक्ष्म पोषक तत्वों वाले फोर्टिफाइड चावल के वितरण की योजना शुरू की गई थी।
केंद्र सरकार की बहुत अच्छी पहल
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार पिछले दो चरणों से फोर्टिफाइड चावल का सफलतापूर्वक वितरण कर रही है. यह केंद्र सरकार की बहुत अच्छी पहल है। इसकी खूब तारीफ हो रही है. पिछले 2 साल में इसके अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं।
देश में फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन 17 लाख टन है।
खाद्य सचिव ने बताया, 'अभी तक हमने 269 जिलों में पीडीएस (राशन दुकान) के जरिए फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू किया है. जिस गति से हम आगे बढ़ रहे हैं, शेष जिलों को निर्धारित समय सीमा से पहले कवर कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में करीब 735 जिले हैं, जिनमें से 80 फीसदी से ज्यादा चावल खाने वाली आबादी है। देश में फोर्टिफाइड चावल पर्याप्त मात्रा में है, क्योंकि इस समय इस चावल की उत्पादन क्षमता करीब 17 लाख टन है.