Rang Panchami 2023 : रंग पंचमी पर श्रीकृष्ण और राधा रानी को चढ़ाए गुलाल ,जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

varsha | Saturday, 11 Mar 2023 11:34:56 AM
Rang Panchami 2023 : Offer Gulal to Shri Krishna and Radha Rani on Rang Panchami, know the worship method and auspicious time

होली के पांच दिन बाद रंग पंचमी का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को यह पर्व मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस खास दिन देवी-देवता होली खेलते हैं।  

रंग पंचमी 2023: शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के मुताबिक चैत्र कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 11 मार्च 2023 को रात्रि 08 बजकर 35 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 12 मार्च 2023 को रात्रि 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में यह पर्व 12 मार्च 2023 दिन रविवार को मनाया जाएगा। 

रंग पंचमी 2023: पूजा विधि

शास्त्रों के मुताबिक रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की पूजा करने के साथ ही शुभ मुहूर्त में उन्हें लाल रंग का गुलाल चढ़ाएं और ऐसा ही सभी देवी-देवताओं को करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और भगवान श्री कृष्ण की कृपा भक्तों पर हमेशा बनी रहती है।

शास्त्रों के अनुसार रंग पंचमी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी के बीज मंत्र 'ॐ श्रीं श्रीं नमः' का कम से कम 108 बार जाप करें। इस विधि को करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

रंग पंचमी कैसे मनाई जाती है?

रंग पंचमी से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार रंग पंचमी पर भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी। इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान कान्हा और राधा रानी को रंग चढ़ाते हैं। खासकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। शोभायात्रा निकाली जाती है, साथ ही अबीर गुलाल उड़ाया जाता है।

रंग पंचमी का महत्व

रंगपंचमी के मौके पर जगह-जगह अबीर गुलाल उड़ाया जाता है। माना जाता है कि गुलाल उड़ाने से व्यक्ति के सात्विक गुणों में वृद्धि होती है। साथ ही तामसिक और राजसिक गुणों का नाश करता है। यह दिन रंगों वाली होली से अलग है। इस दिन होली की तरह लोग शरीर पर रंग नहीं लगाते बल्कि वातावरण में रंग बिखेरते हैं।



 


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