- SHARE
-
इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में छह सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की एक बार फिर से प्रदेश में सक्रियता नजर आने लगी है। राजस्थान की बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे एक बार फिर से अपने बयान के कारण सुर्खियों में आई हैं। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को उदयपुर में ऋषभदेव मंदिर में जैन संत आचार्य पुलक सागर जी महाराज के ज्ञान गंगा महोत्सव के दौरान बड़ी बात कही है। इसके बाद राजस्थान की राजनीति में गर्माहट आ गई है। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में बड़ी बात बोल दी है। इस बात की जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भी दी है।
राजनीति में सबसे बड़ी धन दौलत जनता का प्यार है
वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि जैन धर्म का मूल सिद्धांत है हिंसा रहित जीवन, लेकिन हिंसा की परिभाषा सिर्फ हथियार से हिंसा करना या किसी को मारना-पीटना ही नहीं। किसी का दिल दुखाना, किसी का दिल तोडऩा, किसी की आत्मा को सताना भी है। राजनीति में सबसे बड़ी धन दौलत जनता का प्यार है, जो मुझे निरंतर मिल रहा है।
जैन धर्म का सिद्धांत जीओ और जीने दो है
राजस्थान की पूर्व सीएम ने इस दौरान कहा कि जैन धर्म का सिद्धांत जीओ और जीने दो है, लेकिन कई लोगों ने इसे उलट दिया है। जीओ और जीने मत दो। यानी ख़ुद तो जीओ, लेकिन दूसरों को जीने मत दो। ऐसा करने वाले भले ही थोड़े समय खुश हो जाये, पर वे हमेशा सुखी नहीं रह सकते। क्योंकि जैसा बोओगे-वैसा काटोगे।
वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर किया काश ऐसी बारिश आये, जिसमें अहम डूब जाए, मतभेद के किले ढह जाएं, घमंड चूर-चूर हो जाए, गुस्से के पहाड़ पिघल जाए, नफरत हमेशा के लिए दफन हो जाये और सब के सब, मैं से हम हो जाएं।
अपडेट खबरों के लिए हमारा वॉट्सएप चैनल फोलो करें