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पोस्ट ऑफिस टीडी: अगर आप बिना किसी जोखिम के एकमुश्त जमा पर गारंटीड रिटर्न चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की टर्म डिपॉजिट स्कीम एक अच्छा विकल्प है।
1 अप्रैल 2023 से 5 साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट पर सालाना 7.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है. इस योजना में, ब्याज दरों का भुगतान वार्षिक आधार पर किया जाता है। हालांकि, ब्याज तिमाही आधार पर संयोजित होता है। डाकघर की 5 साल की सावधि जमा योजना में खाताधारक को आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख तक की कर कटौती का लाभ भी मिलता है।
5 साल के अलावा आप 1, 2 और 3 साल की मैच्योरिटी वाले पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं। इस योजना में परिपक्वता के बाद उतनी ही अवधि के लिए फिर से जमा करने का विकल्प उपलब्ध है।
डाकघर: 5 लाख की एकमुश्त जमा राशि पर 10 लाख की गारंटी
पोस्ट ऑफिस में 5 साल की एफडी पर ग्राहक को 1 अप्रैल 2023 से 7.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है. पोस्ट ऑफिस एफडी कैलकुलेटर 2023 के मुताबिक, अगर 5 लाख रुपये जमा किया जाता है, तो नियमित ग्राहक को मैच्योरिटी पर 7,24,974 रुपये मिलेंगे। इसमें ब्याज से 2,24,974 रुपये की कमाई होगी। मैच्योरिटी के बाद इस स्कीम को और पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस तरह 5 लाख रुपये की एकमुश्त जमा राशि 10 साल में बढ़कर 10,51,175 रुपये हो जाएगी। इसमें ब्याज से 5,51,175 रुपये की आय होगी। यानी 10 साल में यहां आपका निवेश दोगुना होने की गारंटी है।
पोस्ट ऑफिस टीडी: हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा
पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट के तहत सिंगल अकाउंट और जॉइंट अकाउंट भी खोले जाते हैं। एक संयुक्त खाते में अधिकतम 3 वयस्कों को शामिल किया जा सकता है। यह खाता न्यूनतम 1000 रुपये से खोला जा सकता है। इसके बाद आप इसमें 100 रुपये के गुणकों में निवेश कर सकते हैं। पोस्ट ऑफिस टीडी में निवेश की कोई सीमा नहीं है। वित्त मंत्रालय हर तिमाही छोटी बचत पर ब्याज दरों की समीक्षा करता है।
डाकघर टीडी: कर कटौती का लाभ
पोस्ट ऑफिस में 5 साल की एफडी पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है। इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. यहां ध्यान रखें कि एफडी में मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम टैक्सेबल होती है। पोस्ट ऑफिस टीडी पर 1 साल के लिए 6.8 फीसदी, 2 साल के लिए 6.9 फीसदी और 3 साल के लिए 7.0 फीसदी ब्याज मिल रहा है. इस योजना में, ब्याज दरों की गणना तिमाही आधार पर की जाती है, लेकिन भुगतान वार्षिक आधार पर किया जाता है।
(pc rightsofemployees)