Post Office New Order! पोस्ट ऑफिस ने इन योजनाओं में निवेश को लेकर किया बदलाव, देखें नया नियम

Preeti Sharma | Monday, 29 May 2023 01:49:03 PM
Post Office New Order! Post office has changes regarding investment in these schemes, see the new rule

छोटी बचत योजनाओं में निवेश: बहुत से लोग हर महीने बचत और निवेश के साधन के रूप में छोटी बचत योजनाओं को प्राथमिकता देते हैं।

खासकर पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम लोगों को बचत और निवेश के बेहतर विकल्प मुहैया कराती हैं, इसीलिए इन्हें काफी पसंद किया जाता है। अब इन योजनाओं में निवेश से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। ये बदलाव पोस्ट ऑफिस की योजनाओं के लिए हैं।

डाक विभाग ने जारी किया सर्कुलर

डाक विभाग ने हाल ही में इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। इस सप्ताह जारी एक सर्कुलर में डाक विभाग ने छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए केवाईसी यानी 'अपने ग्राहक को जानो' के प्रावधानों में बदलाव किया है। बदलावों के तहत डाकघर की योजनाओं में भारी निवेश करने वालों के लिए प्रावधान मुश्किल किए गए हैं।

केवाईसी के साथ प्रूफ देना होगा

अब अगर कोई निवेशक डाकघर की योजनाओं में 10 लाख रुपये या उससे अधिक का निवेश करता है तो उसे केवाईसी दस्तावेजों के रूप में आय का प्रमाण भी देना होगा। इसको लेकर डाक विभाग ने सभी डाकघरों को छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों की एक निश्चित श्रेणी से कमाई का प्रमाण लेने को कहा है. मनी लॉन्ड्रिंग पर टेरर फाइनेंस को रोकने के लिए यह बदलाव किया गया है। अब इन मामलों में पैन और आधार के साथ निवेशकों को इनकम प्रूफ भी देना होगा.

निवेशकों को 3 कैटेगरी में बांटा गया है

सर्कुलर में डाक विभाग ने निवेशकों को 3 कैटेगरी में बांटा है। निवेशकों को जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर श्रेणियों में बांटा गया है। यदि कोई निवेशक 50,000 रुपये के साथ किसी भी योजना में खाता खोलता है और डाकघर की सभी योजनाओं में उसकी शेष राशि 50,000 रुपये से अधिक नहीं है, तो उसे कम जोखिम वाला निवेशक माना जाएगा।

हाई रिस्क कैटिगरी पर सख्त नियम

इसी तरह, 50,000 रुपये से अधिक लेकिन 10 लाख रुपये से कम राशि के खाते खोलने वाले ग्राहकों को मध्यम जोखिम श्रेणी में रखा जाएगा। भले ही सभी योजनाओं का बैलेंस मिलाकर 10 लाख रुपये से कम हो लेकिन 50 हजार रुपये से अधिक हो तो उसे मध्यम श्रेणी में रखा जाएगा. वहीं, राशि 10 लाख या इससे अधिक होते ही संबंधित ग्राहक को हाई रिस्क श्रेणी में माना जाएगा और उन पर सख्त प्रावधान लागू होंगे.

(pc rightsofemployees)



 


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