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नयी दिल्ली। हाल ही में सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ग्राहकों को बड़ा तोहफा देते हुए पीएफ खाते में जमा राशि पर ब्याज दर 0.05 फीसदी बढ़ा दी है. 24 जुलाई 2023 को जारी सर्कुलर के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ खाते में जमा पर ब्याज दर 8.10 फीसदी से बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दी गई है.
गौरतलब है कि ईपीएफओ बोर्ड ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मार्च में ईपीएफ खाते पर 8.15 फीसदी की ब्याज दर तय की थी. ईपीएफओ बोर्ड ने इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेजा था. अब इसे मंजूरी मिल गई है.
2021-22 के लिए ब्याज दर 40 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी.
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने ईपीएफ जमा पर 4 दशकों की सबसे कम ब्याज दर 8.1 फीसदी को मंजूरी दी थी. ईपीएफ पर 8.1 फीसदी की ब्याज दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी. मार्च 2021 में केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर तय की गई थी।
पिछले 6 वित्तीय वर्षों में पीएफ पर किस दर से ब्याज मिला है।
2016-17 में 8.65 प्रतिशत 8.55 प्रतिशत
2017-18 में 8.65 फीसदी
2018-19 में 8.50 फीसदी
2019-20 में 8.50 फीसदी
2020-21 में
2021-22 में 8.10 फीसदी
2022-23 में 8.15 फीसदी
भविष्य निधि क्या है
गौरतलब है कि ईपीएफओ को सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) को संभालने के लिए बनाया है। यह संस्था फंड के पैसों की देखभाल और सुरक्षा करती है। ईपीएफ एक ऐसी योजना है जिसमें कर्मचारी अपने वेतन का कुछ हिस्सा जमा करता है। यह पैसा उनके भविष्य निधि यानि आगे के खर्चों के लिए जमा किया जाता है। नौकरीपेशा लोगों के लिए ईपीएफ का पैसा उनकी जीवन भर की कमाई है। इस योजना में जमा किया गया पैसा रिटायरमेंट के बाद निकाल लेते हैं। कुछ परिस्थितियों में पैसा पहले भी निकाला जा सकता है.
(pc rightsofemployees)