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देश में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और नई पेंशन योजना (एनपीएस) को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है और न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) के नियमों में बदलाव कर सकती है। क्या केंद्रीय कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 40 से 45 फीसदी न्यूनतम पेंशन मिलेगी? इस सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
दरअसल, राज्यसभा सांसद केडी सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा था कि क्या केंद्र सरकार एनपीएस से मिलने वाली मार्केट लिंक्ड पेंशन के फॉर्मूले को बदलने पर विचार कर रही है, क्या कर्मचारियों की आखिरी सैलरी का 40 से 45 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर दिया जाना चाहिए . मानते हुए?
बता दें कि एनपीएस देश में 1 जनवरी 2004 से लागू है। एनपीएस की समीक्षा के लिए सरकार ने अप्रैल 2023 में वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जो एक साल में नई पेंशन योजना की समीक्षा करेगी।
कमेटी ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है
क्या एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है? इस सवाल पर चौधरी ने कहा कि अभी कमेटी की रिपोर्ट नहीं आयी है.
कई गैर-भाजपा शासित राज्य ओपीएस में लौट आए
हाल ही में, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब सहित कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को वापस लेने का विकल्प चुना है। धीरे-धीरे यह बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है.
(pc rightsofemployees)