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प्याज, जो हर भारतीय रसोई की जरूरी चीज है, एक बार फिर चर्चा में है। पहले इसकी कीमतों में राहत दिखी थी, लेकिन अब इसके महंगा होने के संकेत मिल रहे हैं। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा प्याज के निर्यात बैन को हटाना और एक्सपोर्ट ड्यूटी में कमी करना है।
निर्यात बैन हटाने और शुल्क में कमी का असर
सरकार ने कुछ महीनों पहले प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। अब इस बैन को हटाकर, एक्सपोर्ट ड्यूटी को 40% से घटाकर 20% कर दिया गया है।
- इससे निर्यातकों के लिए प्याज विदेश भेजना फायदेमंद हो जाएगा।
- विदेशी मांग बढ़ने से घरेलू आपूर्ति घट सकती है, जिससे कीमतें बढ़ने की आशंका है।
घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ाने की कोशिशें
कीमतों को स्थिर रखने के लिए दिल्ली में 840 मेट्रिक टन प्याज की खेप लाई गई है।
- यह प्याज दिल्ली की आजादपुर मंडी में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
- विशेषज्ञों का मानना है कि इससे खुदरा कीमतें 35 रुपए प्रति किलो तक गिर सकती हैं।
प्याज की कीमतों का उपभोक्ताओं और किसानों पर प्रभाव
- उपभोक्ता: महंगे प्याज से परेशान।
- किसान: फसलों के बेहतर दाम की उम्मीद।
सरकार की नीतियां इन दोनों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रही हैं।
भविष्य की संभावनाएं
अगर घरेलू बाजार में आपूर्ति बढ़ती है, तो प्याज की कीमतें कम हो सकती हैं। लेकिन निर्यात में वृद्धि और विदेशी बाजार की मांग से दाम फिर से चढ़ सकते हैं।
DISCLAMER: इस न्यूज़ को इस https://pmsmahavidyalayaadmission.in/big-news-about-onion-export-onion-prices-may-rise-again/ वेबसाइट से लेके एडिट किया गया है।