Offbeat: कौन था दुर्योधन का वो भाई जिसकी मौत पर पांडव भी हो गए थे दुखी

varsha | Thursday, 10 Oct 2024 11:33:31 AM
Offbeat: Who was that brother of Duryodhana whose death saddened even the Pandavas

pc: asianetnews

महाभारत में कईं ऐसे पात्र हैं जिनके बारे में बहुत से लोगों को कोई जानकारी नहीं है। ऐसा ही एक पात्र है विकर्ण। ये दुर्योधन के 100 भाइयों में से एक था। विकर्ण अपने दूसरे भाइयों से अधिक बुद्धिमान था और उसे धर्म की भी समझ थी। जब भरी सभा में दु:शासन द्रौपदी का चीरहरण किया तब विकर्ण ने भी इसका विरोध किया था। 

जैसा कि हम जानते हैं कि गांधारी के 100 पुत्र और 1 पुत्री थी। एक वरदान के कारण उनके बच्चों का जन्म हुआ था। इन 100 पुत्रों में से सबसे बड़ा दुर्योधन था और उनसे छोटा दु:शासन। उनके 100 पुत्रों में से एक विकर्ण भी था। उसे अच्छे बुरे की समझ थी। उसने द्रौपदी के चीरहरण का भी विरोध किया था। 

विकर्ण ने क्या कहा थ?
जब दु:शासन द्रौपदी को घसीटते हुए राजसभा में ले गया तो द्रौपदी ने पूछा- ‘जब महाराज युधिष्ठिर स्वयं को जुएं में हार चुके थे तो उन्हें मुझे दांव पर लगाने का कोई हक नही था, इस पर यहाँ बैठे लोग क्या कहेंगे।’ द्रौपदी की बात सुनकर पूरी सभा चुप हो गई, उस समय विकर्ण ने कहा ‘द्रौपदी ठीक बोल रही है,खुद के हारने के बाद युधिष्ठिर को द्रौपदी को दांव पर अधिकार नहीं था।’ उसकी ये बात सुनकर कर्ण ने डांटकर उसे चुप करवा दिया।

कैसे हुई विकर्ण की मृत्यु?
जब कौरव और पांडवों के बीच युद्ध  होना तय था तो विकर्ण ने अपने भाइयों का ही साथ दिया और दुर्योधन के पक्ष में युद्ध किया। महाभारत के युद्ध में विकर्ण, जो कौरवों में सबसे धर्मप्रिय और न्यायप्रिय था, ने पांडव पक्ष के कई योद्धाओं का वध किया, जिनमें चित्रयुद्ध और चित्रयोधिन शामिल थे। जब भीम ने देखा कि विकर्ण उनकी सेना को गंभीर क्षति पहुंचा रहा है, तो वे स्वयं उससे युद्ध करने के लिए आगे आए। भीम ने विकर्ण को सलाह दी कि वह इस युद्ध से हट जाए। लेकिन विकर्ण ने उत्तर दिया, "आप अपना धर्म निभाइए, और मैं अपना।" इसके बाद दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जिसमें भीम ने विकर्ण का वध कर दिया। विकर्ण की मृत्यु से भीम और अन्य पांडव भी दुखी थे, क्योंकि वे विकर्ण की धर्मनिष्ठा का सम्मान करते थे।
 



 


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