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pc: tv9hindi
महाभारत में ऐसे कई योद्धा है जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं होगी। ये योद्धा था भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी का भाई रुक्मी। जब भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया था, तब उन्होंने रुक्मी से युद्ध किया था। उस समय बलराम ने उन्हें माफ़ कर दिया था और श्रीकृष्ण के हाथों से बचा लिया था। बाद में खुद बलराम ने ही रुक्मी का वध कर दिया था। आज हम आपको उनसे जुड़ी ही बाते बताने जा रहे हैं।
कौन था रुक्मी?
विदर्भ देश के राजा भीष्मक की दो संतान थी; पुत्र का नाम रुक्मी और उनकी पुत्री का नाम रुक्मिणी था। रुक्मी बेहद ही पराक्रमी था। उसने ऋषि परशुराम से ब्रह्मास्त्र व अन्य देवास्त्र प्राप्त किए थे। जब भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी हरण किया तब रुक्मी के साथ उनका भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्ध में रुक्मी हार गया था लेकिन बलराम ने रुक्मी को बचा लिया।
रुक्मी था बेहद अभिमानी
जब रुक्मी को इस बारे में पता चला कि कुरुक्षेत्र में पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध होने वाला है तो वह अपनी सेना लेकर पांडवों के पास गया। राजा युधिष्ठिर ने उसका बेहद ही आदर सत्कार किया। पांडवों के सामने रुक्मी अपने पराक्रम को बढ़ा चढ़ा कर बताने लगा। तब पांडवों को ये पसंद नहीं आया इसलिए उन्होंने उसकी मदद लेने से इनकार कर दिया।
दुर्योधन ने भी कर दिया इंकार
जब पांडवों ने रुक्मी की सहायता नहीं ली तो वह दुर्योधन के पास गया। यहाँ भी उसने इसी तरह की बातें की तो दुर्योधन ने भी रुक्मी की सहायता लेने से मना कर दिया। इस तरह रुक्मी अपनी सेना लेकर वापस लौट गया और युद्ध में भाग नहीं ले सका।
कैसे हुई रुक्मी की मृत्यु?
जब पांडवों ने रुक्मी की सहायता लेने से इनकार किया तो रुक्मी को लगा कि ये उन्होंने श्रीकृष्ण के कहने पर किया है। इसलिए मन ही मन वह श्रीकृष्ण से दुश्मनी रखने लगा। लेकिन फिर भी उसने अपनी पोती रोचना का विवाह श्रीकृष्ण के पोते अनिरुद्ध से करवाया। जब इन दोनों का विवाह हो रहा था तब रुक्मी और बलराम चौसर खेल रहे थे। चौसर में रुक्मी ने छल कपट का सहारा लिया और बलराम को हरा दिया। इसके बाद वह उनका मजाक उड़ाने लगा। क्रोधित होकर बलरामजी ने उसका वध कर दिया।
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