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PC: asianetnews
महाभारत के युद्ध से जुडी कई कहानियां आपने सुनी होगी। जब कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध तय हो गया तो कौरवों ने भीष्म पितामह को अपना सेनापति बनाया। लेकिन पांडव अपना सेनापति नहीं चुन पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने श्रीकृष्ण से मदद मांगी और उन्होंने पांचाल देश के युवराज धृष्टद्युम्न का नाम सूझाया। वे रिश्ते में द्रौपदी के भाई थे। उनसे जुडी कुछ रोचक बातें हम आपको बताने जा रहे हैं।
अग्निकुंड से हुआ था जन्म
महाभारत के अनुसार, राजा द्रुपद गुरु द्रोणाचार्य से बदला लेना चाहते थे। इसी के कारण राजा द्रुपद ने ऋषि याज से हवन करवाया जिससे उन्हें द्रोणाचार्य को मारने वाला पुत्र मिल सके। इसी यज्ञ की अग्नि से पराक्रमी योद्धा प्रकट हुआ। उस शूरवीर के सिर पर मुकुट और शरीर पर कवच था। इसी यज्ञ से एक कन्या का जन्म भी हुआ। द्रुपद ने योद्धा का नाम धृष्टद्युम्न और कन्या का नाम द्रौपदी रखा।
गुरु द्रोणाचार्य से ली थी शिक्षा
कौरव और पांडवों की तरह धृष्टद्युम्न के गुरु भी द्रोणाचार्य थे और उन्ही से उसने शिक्षा ली। गुरु द्रोणाचार्य जानते थे कि धृष्टद्युम्न का जन्म उनके वध के लिए ही हुआ है, लेकिन फिर भी उन्होंने धृष्टद्युम्न को शिक्षा देने में किसी तरह का कोई पक्षपात नहीं किया। युद्ध के दौरान पांडवों ने धृष्टद्युम्न को सेनापति बनाया जो शुरू से अंत तक पांडवों के सेनापति रहे। जबकि कौरवों के कई सेनापति बदलते रहे।
छल से किया गुरु द्रोणाचार्य का वध
भीष्म पितामाह के बाद गुरु द्रोणाचार्य कौरवों के सेनापति बने। गुरु बनने के बाद वे पांडवों की सेना का सफाया करने लगे। गुरु द्रोणाचार्य को मारने के लिए पांडवों ने एक रास्ता आजमाया और अश्वत्थामा के मरने की बात फैला दी। अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे जिस से वे बेहद प्रेम करते थे। उसकी मृत्यु की खबर सुन कर उन्होंने अपने अस्त्र नीचे रख दिए और उसी समय धृष्टद्युम्न ने उनका वध कर दिया।
कैसे हुई धृष्टद्युम्न की मृत्यु?
युद्ध जब विराम की ओर पहुंच गया यानी जब युद्ध खत्म होने वाला था तो कौरव सेना की ओर से अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा ही जीवित बचे थे। दुर्योधन के कहने पर अश्वत्थामा ने रात में पांडवों के शिविर पर हमला कर दिया और पांडवों की जगह उनके पुत्रों की हत्या कर दी. अश्वत्थामा ने सो रहे कई अन्य योद्धाओं को भी मौत के घाट उतार दिया। अश्वत्थामा ने को जब धृष्टद्युम्न को देखा तो उसे पीटना शुरू कर दिया। उसके बाद उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। इसी तरह उनकी मृत्यु हुई।
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