Offbeat: बर्तन से पैदा हुआ था महाभारत का ये योद्धा, जो पड़ा था युद्ध में पांडवों पर भारी

varsha | Saturday, 28 Sep 2024 02:20:16 PM
Offbeat: This warrior of Mahabharata was born from a pot, who proved to be a heavy burden on the Pandavas in the war

PC: asianetnews

महाभारत के युद्ध से जुड़ी कई कहानियां हमने सुनी है। ये युद्ध द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए लड़ा गया था। इसे कुरुक्षेत्र का युद्ध भी कहते हैं जो 18 दिन तक चला।  इसमें कई महान योद्धाओं ने भाग लिया और ऐसे ही एक महान योद्धा थे गुरु द्रोणाचार्य। उन्होंने भीष्म पितामाह के कहने पर कौरवों और पांडवों को अस्त्र-शस्त्र चलाने की शिक्षा दी थी। वे युद्ध में कौरवों की तरफ से लड़े थे और इस दौरान सेनापति भी बने। पांडवों ने छल सेद्रोणाचार्य का वध कर दिया था और इस से जुड़ी रोचक कथा हम आपको बताने जा रहे हैं। 

द्रोणाचार्य का जन्म?
महाभारत के अनुसार, द्वापर युग में महर्षि भरद्वाज नाम के एक महान तपस्वी ऋषि थे। वे जब गंगा के किनारे एक बार नहा रहे थे तो उन्होंने वहां घृताची नामक अप्सरा को नहाते हुए देखा जिस से उनका वीर्यपात हो गया। ऋषि भारद्वाज ने अपने वीर्य को द्रोण नाम के बर्तन में एकत्र किया। कहा जाता है कि इसी पात्र से जिस बच्चे का जन्म हुआ वो द्रोणाचार्य थे। 

परशुराम से ली शिक्षा
द्रोणाचार्य ने भगवान परशुराम से शस्त्र विद्या सीखी। गुरु परशुराम ने उन्हें ना केवल शस्त्रों का ज्ञान दिया बल्कि कईं दिव्यास्त्र भी दिए। आगे चल कर उनका विवाह कृपाचार्य की बहन कृपी से हुआ। वे 8 लोग जिन्हे अमरता का वरदान प्राप्त है उनमे से एक अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य के ही पुत्र हैं। 

छल से किया गया द्रोणाचार्य क वध?
भीष्म पितामाह के बाद गुरु द्रोणाचार्य कौरवों के सेनापति बने। गुरु बनने के बाद वे पांडवों की सेना का सफाया करने लगे। गुरु द्रोणाचार्य को मारने के लिए पांडवों ने अश्वत्थामा के मरने की बात फैला दी। अश्वत्थामा  द्रोणाचार्य के पुत्र थे जिस से वे बेहद प्रेम करते थे। उसकी मृत्यु की खबर सुन कर उन्होंने अपने अस्त्र नीचे रख दिए और उसी समय धृष्टद्युम्न ने उनका वध कर दिया।

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