Offbeat: क्या आज भी धरती पर अपना इलाज ढूंढ रहा है अश्वत्थामा, आखिर क्यों कहा जाता है कि वह अमर हैं

varsha | Saturday, 05 Oct 2024 11:52:41 AM
Offbeat: Is Ashwatthama still looking for his cure on earth, why is it said that he is immortal

pc: bharatexpress

महाभारत काल के कुछ चरित्र ऐसे भी हैं जिनसे जुडी कहानियां आज भी प्रचलित है। महाभारत में कई वीर ऐसे भी हुए जिन्हे अमरता का वरदान प्राप्त है या कई ऐसे भी हैं जिन्हे श्राप के रूप में हमेशा भटकने का वरदान मिला। उनमे से एक किरदार है अश्वत्थामा। 

माना जाता है की एक श्राप के कारण अश्वत्थामा आज भी जिंदा है और रहस्यमई तरीके से धरती पर मौजूद है। विज्ञान आज भी इसकी खोज कर रहा है। आइए जानते हैं अश्वत्थामा से जुड़ी किवंदंतियों को और कलयुग में अश्वत्थामा के जीवित होने की कहानियों के बारे में। 

अश्वत्थामा को मिला था श्राप

अश्वत्थामा गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र थे। जब द्रोणाचार्य कौरवों की ओर से लड़ते हुए पांडवों का विनाश कर रहे थे तब उन्हें रोकना संभव नहीं हो रहा था। तब अश्वत्थामा के मरने की झूठी खबर फैलाकर पांडवों ने द्रोणाचार्य का वध कर दिया। 

जब अश्वत्थामा को ये जानकारी मिली तो वो इस बात का बदला लेना चाहता था। वह पांडवों को मारने पहुंचा लेकिन पांडवो की जगह उनके पुत्र वहां सो रहे थे।  अश्वत्थामा ने पांडव पुत्रों की हत्या कर दी। अश्वत्थामा ने ऐसा करने के लिए छल का सहारा लिया था। 

इससे क्रोधित होकर भगवान श्री कृष्ण उसके माथे पर एक जख्म दिया और कहा कि ये कभी ठीक नहीं होगा। इसके अलावा वो इसका इलाज ढूंढ़ने के लिए सदैव ऐसे ही भटकता रहेगा। लेकिन श्राप के साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पूरे संसार में कोई भी वैद्य इसका इलाज नहीं कर पाएगा। तब से कहा जाता है कि अश्व्थामा आज भी धरती पर भटक रहे हैं। 

अश्वत्थामा से जुड़े दावे

यूनानी सभ्यता में भी एक ऐसे बुजुर्ग इंसान का जिक्र है जो कि आज से कुछ सौ साल पहले लोगों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा दिया करता था। 

इसी तरह तिब्बत के इलाके में भी अश्वत्थामा की तरह एक जख्म वाले व्यक्ति का दावा लोग कर चुके हैं।  मध्य प्रदेश के एक खंडहर नुमा किले में भी अश्वत्थामा जैसे एक बुजुर्ग व्यक्ति को देखने का कुछ लोगों ने दावा किया है, जो उनसे अपने घाव को भरने के लिए दवा और जड़ी बूटी मांग रहा था। 

अपडेट खबरों के लिए हमारा वॉट्सएप चैनल फोलो करें



 


Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.