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pc: News Today Chhattisgarh
अघोरी बाबा तपस्वियों और साधुओं के बीच एक अनूठा संप्रदाय बनाते हैं, जो आकर्षक लेकिन विचित्र जीवन जीते हैं। उनका केवल भक्ति करने का तरीका ही नहीं बल्कि जीवनशैली और भोजन भी बेहद अलग है, और ब्रह्मचारी रहने वाले अधिकांश साधुओं के विपरीत, अघोरी यौन गतिविधियों में संलग्न होते हैं।
यौन प्रथाएँ और अनुष्ठान
अघोरी बाबा अक्सर श्मशान घाटों में रहते हैं, जहाँ वे रात भर तांत्रिक अनुष्ठान करते हैं। इन अनुष्ठानों में, वे आंशिक रूप से जले हुए मानव मांस का सेवन करते हैं और शवों के साथ यौन क्रिया करते हैं, जो बाहरी लोगों को बेहद विचित्र लग सकता है। उनका मानना होता है कि यदि वे शारीरिक संबंध बनाने के दौरान भी भगवान की भक्ति कर सकते हैं तो यह उनकी साधना को एक ही अलग स्तर देता है.
मासिक धर्म अनुष्ठान
ऐसा माना जाता है कि अघोरी महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान उनके साथ यौन संबंध भी बनाते हैं। उनका तर्क है कि इससे उनकी तांत्रिक शक्तियाँ बढ़ जाती हैं, और मासिक धर्म ऊर्जा के बढ़ने का समय होता है।
कुत्तों के प्रति लगाव
अपनी अपरंपरागत जीवनशैली और भक्ति के अलावा, अघोरी बाबाओं का एक अलग रूप भी होता है। वे अपने शरीर को राख से ढकते हैं, लंबे उलझे हुए बाल रखते हैं और कभी-कभी जानवरों की खाल पहनते हैं। उन्हें कुत्तों से बहुत लगाव होता है, अक्सर वे उन्हें अपने साथी के रूप में रखते हैं। इसके अलावा, अघोरी अपने अनुष्ठानों के हिस्से के रूप में विभिन्न नशीले पदार्थों का सेवन करने के लिए जाने जाते हैं।