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PC: abplive
ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) के प्रयासों के बावजूद, देश में स्पैम कॉल और संदेश एक बढ़ती हुई समस्या बन गए हैं। हाल के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि यह समस्या हल होने से बहुत दूर है। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 95% भारतीय अब प्रतिदिन अवांछित कॉल और मेसेजेस से निपट रहे हैं, पिछले छह महीनों में ऐसे मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। फ़ोन पर डू नॉट डिस्टर्ब (DND) सुविधा इन कॉल को रोकने में अप्रभावी साबित हो रही है।
लोकल सर्किल द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 95% भारतीय मोबाइल उपयोगकर्ताओं को प्रतिदिन स्पैम कॉल प्राप्त होते हैं। स्कैमर्स लोगों को धोखा देने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं, 77% मोबाइल यूजर्स को प्रतिदिन कम से कम तीन ऐसे कॉल प्राप्त होते हैं। ये कॉल मुख्य रूप से होम लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय सेवाओं से संबंधित हैं। सर्वे से संकेत मिलता है कि पिछले छह महीनों में इस तरह की कॉल की घटना 54% से बढ़कर 66% हो गई है।
DND सुविधा की अप्रभावीता
स्मार्टफोन और दूरसंचार कंपनियों द्वारा लागू किया गया डू नॉट डिस्टर्ब (DND) सुविधा स्पैम कॉल और संदेशों पर प्रभावी रूप से अंकुश नहीं लगा पा रही है। लोगों को इन अवांछित संचारों से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि घोटालेबाज लोगों को धोखा देने के लिए कई नई रणनीति अपना रहे हैं।
ट्राई के उपाय
ट्राई ने पहले टेलीकॉम कंपनियों को प्रचार संदेशों पर लगाम लगाने का निर्देश दिया था, जिसके लिए 1 सितंबर की समयसीमा तय की गई थी। अब इस समयसीमा को बढ़ाकर 1 अक्टूबर, 2024 कर दिया गया है। ट्राई का लक्ष्य फर्जी और स्पैम कॉल पर लगाम लगाना है। नियामक संस्था ने कहा है कि अगर कोई इकाई स्पैम कॉल के लिए अपनी एसआईपी/पीआरआई लाइनों का दुरुपयोग करती है, तो उस इकाई के सभी दूरसंचार संसाधन उसके दूरसंचार सेवा प्रदाता (टीएसपी) द्वारा काट दिए जाएंगे। साथ ही, इकाई को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
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