Spam Calls से नहीं मिल रही आजादी, 95% भारतीय रोजाना हो रहे शिकार, सर्वे में हुआ खुलासा

varsha | Tuesday, 03 Sep 2024 12:14:03 PM
No freedom from spam calls, 95% Indians are falling prey to them daily, survey reveals


PC: abplive

देश में स्पैम कॉल और मैसेज की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। ट्राई (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) के प्रयासों के बावजूद यह समस्या जस की तस बनी हुई है। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण ने इस बढ़ती चिंता पर प्रकाश डाला है, जिसमें पता चला है कि लगभग 95% भारतीय अब प्रतिदिन अवांछित कॉल और मैसेज से निपट रहे हैं। पिछले छह महीनों में स्थिति काफी खराब हो गई है, और यहां तक ​​कि फोन पर मौजूद डीएनडी (डू नॉट डिस्टर्ब) फीचर भी ऐसी कॉल को रोकने में अप्रभावी साबित हुआ है।

लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत में 95% मोबाइल उपयोगकर्ताओं को अब हर दिन स्पैम कॉल आ रहे हैं। स्कैमर्स भी लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, 77% मोबाइल उपयोगकर्ताओं को प्रतिदिन कम से कम तीन स्पैम कॉल आते हैं। ये कॉल मुख्य रूप से होम लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय सेवाओं से संबंधित होते हैं। सर्वेक्षण से पता चलता है कि पिछले छह महीनों में ऐसे मामलों की संख्या 54% से बढ़कर 66% हो गई है।

इन कॉल को रोकने वाला डीएनडी फीचर अब प्रभावी नहीं है। लगातार आ रहे स्पैम कॉल और मैसेज से लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके खोज रहे हैं। ट्राई इस मुद्दे पर निर्णायक कार्रवाई करने की योजना बना रहा है। नियामक संस्था ने पहले टेलीकॉम कंपनियों को प्रमोशनल मैसेज पर लगाम लगाने का निर्देश दिया था, जिसकी शुरुआती समयसीमा 1 सितंबर तय की गई थी। हालांकि, अब यह समयसीमा बढ़ाकर 1 अक्टूबर 2024 कर दी गई है। 

ट्राई जल्द ही फर्जी और स्पैम कॉल पर लगाम कसने के लिए प्रतिबद्ध है। प्राधिकरण ने कहा है कि अगर कोई इकाई स्पैम कॉल के लिए अपनी एसआईपी/पीआरआई लाइनों का दुरुपयोग करती पाई जाती है, तो उसके टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (टीएसपी) द्वारा उसके सभी टेलीकॉम संसाधन काट दिए जाएंगे। इसके अलावा, उल्लंघन करने वाली इकाई को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

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