Nirjala Ekadashi 2024: कब है निर्जला एकादशी, जानें व्रत रखने से क्या क्या मिलते हैं लाभ

Samachar Jagat | Monday, 10 Jun 2024 04:04:41 PM
Nirjala Ekadashi 2024: When is Nirjala Ekadashi, know what are the benefits of fasting

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निर्जला एकादशी, जिसे भीमसेनी एकादशी या भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि (एकादशी) को पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से साल में पड़ने वाली सभी 24 एकादशी का फल मिलता है, जो इसे सबसे महत्वपूर्ण एकादशी बनाता है।

भगवान विष्णु को समर्पित, एकादशी उनकी पूजा और भक्ति का दिन है। इस साल निर्जला एकादशी 18 जून 2024 मंगलवार को मनाई जाएगी, जिसमें कई शुभ योग होंगे, जो व्रत के लाभों को बढ़ाएंगे।

निर्जला एकादशी सबसे कठिन व्रतों में से एक है। वैसे तो हर साल 24 एकादशी व्रत होते हैं, लेकिन अधिक मास (अतिरिक्त महीने) के दौरान दो अतिरिक्त व्रत होते हैं, लेकिन निर्जला एकादशी सबसे कठिन व्रत मानी जाती है, क्योंकि इसमें एकादशी के दिन सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक भोजन और पानी से परहेज करना होता है।

इस वर्ष निर्जला एकादशी का दिन कई शुभ योगों की उपस्थिति के कारण विशेष रूप से खास है:

त्रिपुष्कर योग: 18 जून को दोपहर 3:56 बजे से 19 जून को सुबह 5:24 बजे तक

शिव योग: 18 जून को सुबह 9:39 बजे तक

स्वाति नक्षत्र: 18 जून को दोपहर 3:56 बजे तक

19 जून को पारणा (व्रत तोड़ना) भी सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग जैसे शुभ योगों के साथ होगा, जिससे यह व्रत और भी अधिक फलदायी होगा और अनंत पुण्य प्रदान करेगा।

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निर्जला एकादशी का महत्व न केवल आध्यात्मिक है, बल्कि जल के महत्व पर भी जोर देता है, खासकर इसलिए क्योंकि यह ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के दौरान मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत के योद्धा भीम ने ऋषि व्यास की सलाह पर इस व्रत को रखा था, यही वजह है कि इसे भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

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निर्जला एकादशी व्रत रखने के लाभ:

यदि आप पूरे वर्ष में कोई एकादशी व्रत नहीं रख पाते हैं तो यह व्रत सभी एकादशी व्रतों का फल देता है।

इस व्रत से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, घर में समृद्धि आती है और अभाव दूर होते हैं।

ऐसा माना जाता है कि यह व्रत दीर्घायु प्रदान करता है और मोक्ष प्राप्ति में सहायक होता है। भीम ने स्वयं मोक्ष के लिए यह व्रत रखा था।



 


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