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PC:Jansatta
हिंदू धर्मग्रंथों में दान देने के महत्व पर बहुत जोर दिया गया है। दान से अर्जित पुण्य आपको इस जन्म के साथ-साथ अगले जन्म में भी लाभ पहुंचाता है। एकादशी के अवसर पर दान करने का विशेष महत्व है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून 2024 को रखा जाएगा। यह एक कठिन व्रत है जिसमें अन्न और जल का त्याग किया जाता है। व्रत और अनुष्ठान के साथ-साथ इस दिन कुछ वस्तुओं का दान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
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जल दान:
शास्त्रों में निर्जला एकादशी पर जल दान को सबसे अधिक पुण्यदायी माना गया है, खासकर इसलिए क्योंकि इस महीने में बहुत अधिक गर्मी पड़ती है। इसलिए जल दान करना अत्यंत लाभकारी होता है। साथ ही जल से भरा घड़ा दान करना भी शुभ होता है।
जल दान के लाभ:
माना जाता है कि निर्जला एकादशी पर जल दान करने से कुंडली में पितृ दोष और चंद्र दोष का प्रभाव कम होता है। यह भगवान विष्णु की कृपा से आर्थिक तंगी, घरेलू परेशानियां, बीमारियां और अन्य कष्टों को भी दूर करता है।
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पीले वस्त्रों का दान:
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए आप निर्जला एकादशी के दिन जरूरतमंदों को पीले वस्त्र दान कर सकते हैं। भगवान विष्णु को पीला रंग विशेष प्रिय है। पीले वस्त्र दान करने से कुंडली में गुरु (बृहस्पति) की स्थिति भी मजबूत होती है।
अन्न और फलों का दान:
आप निर्जला एकादशी के दिन अपनी क्षमता के अनुसार पके हुए भोजन, दाल, चावल या गेहूं जैसी खाद्य सामग्री का दान भी कर सकते हैं। इस दिन मौसमी फलों का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है।
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