New Labor Code: जानिए चार दिन काम, तीन दिन आराम का कानून कब लागू होगा?

Preeti Sharma | Monday, 08 May 2023 02:19:56 PM
New Labor Code: Know when the law of four days work, three days rest will be implemented?

भारत के रोजगार परिदृश्य में व्यापक बदलाव लाने के उद्देश्य से वर्ष 2019 और 2020 के बीच संसद द्वारा पारित चार श्रम संहिताओं का कार्यान्वयन वर्तमान में ठप है।


मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि 2024 के आम चुनाव से पहले इनके लागू होने की संभावना नहीं है। ये चार कोड मिलकर 29 केंद्रीय श्रम कानूनों का समेकित संस्करण बनाते हैं। इनमें वेतन संहिता, 2019; औद्योगिक संबंध संहिता, 2020; व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता, 2020; और सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020। इन चार संहिताओं की समान रूप से प्रशंसा और आलोचना की गई है।

ये श्रम संहिता मोदी सरकार द्वारा किए गए सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों में से एक हैं। आलोचक उन्हें विवादास्पद और श्रम-विरोधी के रूप में देखते हैं, जबकि मुक्त श्रम नीतियों की मांग करने वालों का कहना है कि ये कोड विकास और रोजगार को बढ़ावा देंगे और तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था के साथ पुराने कानूनों को खत्म करेंगे। इनमें जो बड़े बदलाव किए गए हैं उनमें सरकार की मंजूरी के बिना कर्मचारियों को नौकरी से निकालने, यूनियन द्वारा हड़ताल की घोषणा, महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति जैसे बड़े नियम शामिल हैं।

जानकारों के मुताबिक तीन प्रमुख कारण इन कोडों को लागू होने से रोक रहे हैं। पहला, कुछ राज्यों ने अभी तक इनके संबंध में नियम प्रकाशित नहीं किए हैं। दूसरा, केंद्रीय श्रम मंत्रालय और यूनियनों के बीच बातचीत रुक गई है और तीसरा, केंद्र इस प्रक्रिया में सभी हितधारकों को शामिल करने का इच्छुक है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार को 2021 में कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा, केंद्र ऐसी स्थिति नहीं चाहता।

दस ट्रेड यूनियनों ने उनका विरोध किया

आरएसएस से संबद्ध बीएमएस को छोड़कर 10 ट्रेड यूनियनों के एक मंच ने श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि वे श्रमिक विरोधी हैं। वर्तमान में, 31 राज्यों ने वेतन संहिता के तहत मसौदा नियम प्रकाशित किए हैं, जबकि 26 राज्य व्यावसायिक सुरक्षा संहिता पर मसौदा नियम लेकर आए हैं। औद्योगिक संबंध संहिता पर प्रारंभिक प्रक्रियाएं 28 राज्यों द्वारा पूरी कर ली गई हैं। इसी तरह, 28 राज्यों ने सामाजिक सुरक्षा कानून पर मसौदा नियम प्रकाशित किए हैं।

(pc rightsofemployees)



 


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