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पिछले कुछ सालों में एजुकेशन सिस्टम में काफी बदलाव आया है। अभी तक ज्यादातर डिग्री कोर्स 3 साल की अवधि के होते थे। लेकिन अब नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को लागू करने के लिए इन ग्रेजुएशन
यूजीसी ने इस संबंध में जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 सेंट्रल यूनिवर्सिटी समेत 105 यूनिवर्सिटी में 4 साल की ग्रेजुएशन पॉलिसी (4 ईयर ग्रेजुएशन प्लान, FYUP करिकुलम) शुरू की जा रही है. यह बदलाव नए शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा। एडमिशन लेने से पहले आपको इस (मिशन एडमिशन) की भी पूरी जानकारी होनी चाहिए।
ये केंद्रीय विश्वविद्यालय 4 साल में स्नातक करेंगे
दिल्ली विश्वविद्यालय, तेजपुर विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, असम विश्वविद्यालय, जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय, सिक्किम विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, राजीव गांधी विश्वविद्यालय और हरियाणा, दक्षिण बिहार और तमिलनाडु में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 4 साल में स्नातक की पढ़ाई की जाएगी।
4 साल की डिग्री के कई फायदे हैं
4 साल के ग्रेजुएट कोर्स (एफवाईयूपी) के कई फायदे हैं। इसमें छात्रों के पास मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का भी विकल्प होगा। यदि कोई छात्र किसी कारण से 3 साल से पहले कॉलेज छोड़ देता है और अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाता है तो उसे फिर से अध्ययन करना चाहिए और उसे अपनी डिग्री पूरी करने की पूरी सुविधा दी जाएगी। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूजीसी ने नई शिक्षा नीति में ऑप्शन बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को भी शामिल किया है. 40 डीम्ड विश्वविद्यालय, 18 निजी विश्वविद्यालय और 22 राज्य विश्वविद्यालयों ने 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम का विकल्प चुना है।
(pc rightsofemployees)