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pc: tv9hindi
सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG रिजल्ट 2024 से जुड़ी तीन याचिकाओं पर सुनवाई हुई। अपने आदेश में कोर्ट ने निर्देश दिया है कि 23 जून को दोबारा परीक्षा कराई जाएगी और 30 जून को रिजल्ट घोषित किया जाएगा। इसलिए 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग प्रकिया में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह फैसला केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को ग्रेस मार्क्स दिए गए 1563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द करने के अपने फैसले की जानकारी देने के बाद आया है। इन उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।
एडवोकेट जे साई दीपक ने कहा कि वे मनमाने ढंग से ग्रेस मार्क्स देने और अनुचित तरीके अपनाने नियमों के खिलाग हैं। यह बताना जरूरी है कि यह मामला लंबित याचिका के नतीजे के अधीन है, अन्यथा यह विफल हो जाएगा। एनटीए के वकील कनु अग्रवाल ने बताया कि 12 जून को हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
रद्द किए जाएंगे स्कोरकार्ड
समिति ने निर्णय लिया है कि 1563 उम्मीदवारों को दोबारा NEET परीक्षा देनी होगी। इन कैंडिडेट्स को जारी किए गए सभी स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे। दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी और जो लोग इस पुन:परीक्षा में भाग नहीं लेंगे, उन्हें बिना ग्रेस मार्क्स के उनके मूल अंक प्राप्त होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने एक विसंगति की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके पास उपस्थित नहीं होने और स्कोरकार्ड रद्द करने का विकल्प है तो कुछ विसंगति है। इस पर एनटीए के वकील अग्रवाल ने जवाब दिया कि जो लोग उपस्थित नहीं होंगे उनके पास बिना पूरक अंकों के उनके मूल अंक होंगे, लेकिन 1563 उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा में बैठने का विकल्प दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको उन्हें फिर से तैयार करने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि NEET UG 2024 के कुल 1563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द करने का निर्णय लिया गया है, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। केंद्र ने कहा कि इन 1563 छात्रों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।
सभी उम्मीदवार आवेदन नहीं कर सकते
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर कोई दोबारा परीक्षा के लिए आवेदन नहीं कर सकता। केवल वे उम्मीदवार ही दोबारा परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं जिन्हें कम समय दिया गया था। CLAT का फैसला यहां लागू नहीं होता। वकील साई दीपक ने कहा कि वे 1563 छात्र हैं जिन्होंने समय न मिलने पर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। जो दूसरे लोग यहाँ नहीं हैं, उनका क्या? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या वे यहाँ हैं, क्या आप उनका ब्रीफ़ देख रहे हैं? बेवजह दायरा न बढ़ाएँ।
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