Navratri 2024:आखिर क्यों मां दुर्गा की प्रतिमा वेश्यालयों के आंगन की मिट्टी के बिना रहती है अधूरी, जानें यहाँ

varsha | Friday, 04 Oct 2024 01:51:29 PM
Navratri 2024: Why the idol of Maa Durga remains incomplete without the soil from the courtyard of brothels, know here

PC: indianews

शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और यह पर्व 12 अक्टूबर 2024 को दशहरे के साथ समाप्त होगा। नवरात्री के 9 दिन आदिशक्ति मां भगवती को समर्पित हैं। इसे दुर्गा पूजा भी कहा जाता है। कई लोग घर पर या बड़े पांडालों में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर इसकी पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुर्गा पूजा के लिए बनाई जाने वाली मां दुर्गा की मूर्ति में वेश्यालय के आंगन की मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है।


कहा जाता है कि जब तक इस मूर्ति में वैश्यालय की मिट्टी ना हो ये मूर्ति अधूरी रहती है। इसके अलावा जब पुजारी या मूर्तिकार मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी मांगने जाते हैं तो उसका मन साफ ​​और सच्चा होना चाहिए। जब वेश्या अपने आंगन की मिट्टी देती है तो उससे मां दुर्गा की मूर्ति बनाई जाती है और मूर्ति पूरी मानी जाती है।

ये मिट्टी वेश्याओं से सिर झुका कर सम्मान पूर्वक मांगनी चाहिए। ये इस बात का संकेत है कि नारी शक्ति के रूप में उन्हें भी समाज में बराबर का दर्जा दिया गया है। 


मूर्ति के लिए ये चीजें भी जरूरी
दुर्गा पूजा के लिए मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए वेश्यालय आंगन की मिट्टी के साथ गंगा तट की मिट्टी, गोबर और गौमूत्र का भी इस्तेमाल किया जाता है। मूर्ति बनाने के लिए इन चीजों का उपयोग करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

क्या है पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार कुछ वेश्याएं स्नान के लिए गंगा नदी जा रही थीं। वहां एक कोढ़ी बैठा था जो वहां से गुजरने वाले लोगों से गंगा स्नान कराने की अपील कर रहा था। लेकिन लोग उसे नहलाना छोड़ उसकी तरफ देख भी नहीं रहे थे।  तब वेश्याओं को उस पर दया आ गई और उन्होंने कोढ़ी को गंगा स्नान कराया। वह कोढ़ी के रूप में भगवान शिव थे। 

शिव वेश्याओं पर प्रसन्न हुए और उन्होंने वेश्याओं से वरदान मांगने को कहा। तब वेश्याओं ने कहा कि मां दुर्गा की मूर्ति हमारे आंगन की मिट्टी से बनाई जाए। शिव ने वेश्याओं को यह वरदान दे दिया।

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