महाभारत: क्यों दुर्योधन का सपना द्रौपदी को रानी बनाने का अधूरा रह गया?

Trainee | Friday, 29 Nov 2024 03:06:56 PM
Mahabharata: Why did Duryodhana's dream of making Draupadi a queen remain unfulfilled?

द्रौपदी, राजा द्रुपद की पुत्री और महाभारत की केंद्रीय पात्र, ने अपने सौंदर्य और अद्वितीय गुणों से सभी राजा-महाराजाओं का ध्यान खींचा। दुर्योधन ने भी उन्हें अपनी रानी बनाने का सपना देखा, लेकिन द्रौपदी के स्वयंवर ने उसकी महत्वाकांक्षाओं को तोड़ दिया और उसे प्रतिशोध की आग में झोंक दिया।

स्वयंवर और द्रौपदी का निर्णय

द्रुपद ने द्रौपदी के विवाह के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्वयंवर का आयोजन किया। शर्त थी मछली की आंख पर पानी के प्रतिबिंब के माध्यम से तीर चलाना, जो केवल अर्जुन जैसे कुशल धनुर्धर ही कर सकते थे। द्रौपदी को स्वयंवर में अपने वर को चुनने का अधिकार भी दिया गया था।

दुर्योधन की असफलता और अपमान

दुर्योधन स्वयंवर में भाग लेने पहुंचा, लेकिन शर्त पूरी करने में असफल रहा। द्रौपदी की हंसी ने उसे और अपमानित किया। इसके अलावा, कर्ण को सूतपुत्र कहकर अस्वीकार करने से कर्ण और दुर्योधन दोनों के मन में पांडवों के प्रति गहरी द्वेष भावना पनपी।

द्रौपदी का अर्जुन को चुनना

अर्जुन ने ब्राह्मण के वेश में स्वयंवर की चुनौती पूरी कर द्रौपदी का वरण किया। इसके बाद, द्रौपदी पांडवों की पत्नी बनीं। यह घटना महाभारत के युद्ध का बीज साबित हुई।

दुर्योधन का प्रतिशोध और द्युत क्रीड़ा

द्रौपदी द्वारा ठुकराए जाने और स्वयंवर में असफलता ने दुर्योधन को प्रतिशोध की आग में झोंक दिया। उसने शकुनि के साथ मिलकर द्युत क्रीड़ा का षड्यंत्र रचा, जहां पांडव अपनी संपत्ति, राज्य और यहां तक कि द्रौपदी को भी हार गए। द्रौपदी का सार्वजनिक अपमान कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध की नींव बना।

महाभारत की नींव

द्रौपदी के अपमान और दुर्योधन की साजिशों ने कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत की लड़ाई को अंजाम दिया। इस युद्ध ने धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष को परिभाषित किया।



 


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