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pc: tv9hindi
महाभारत में प्रचलित कई कहानियां आपने सुनी होगी। ये बात भी आप जानते होंगे कि पांडव 5 थे जो कुंती के पुत्र थे लेकिन कौरव सौ थे जो गांधारी और धृतराष्ट्र के पुत्र थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 100 कौरवों का जन्म कैसे हुआ था? ये कहानी वाकई हैरान कर देने वाली है। इसी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
आम इंसान यही सोचता है कि आखिर गांधारी कैसे 100 पुत्रों को जन्म दे सकती है। ये असंभव है। ऐसे में सवाल ये है कि गांधारी ने कैसे 100 पुत्रों और 1 पुत्री को जन्म दिया। आइए जानते हैं।
कौरव धृतराष्ट्र और गांधारी के पुत्र थे और उनकी एक पुत्री का नाम दुशाला था।
कैसे हुआ 100 कौरवों का जन्म?
एक बार गांधारी की सेवा से खुश होकर ऋषि व्यास ने उन्हें एक वरदान मांगने को कहा। ऋषि व्यास ने ही गांधारी को 100 पुत्र होने का आशीर्वाद भी दिया। इसके बाद वह गर्भवती हुई लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी वह गर्भवती ही रही। फिर उसने मांस के टुकड़े को जन्म दिया। ऋषि व्यास ने इस मांस के टुकड़े को 101 हिस्सों में विभाजित किया और अलग अलग घड़ों में रखवा दिया।
101 घड़ों में रखे गए इन्ही मांस के टुकड़ों से 101 बच्चों का जन्म हुआ। इनमे से ही 100 पुत्र और 1 पुत्री पैदा हुई। इस प्रकार 100 कौरवों का जन्म हुआ. बता दें कि कौरवों के जन्म की ये कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है और बताया जाता है कि इस तरीके से कौरवों का जन्म हुआ।
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