Mahabharat: इस कारण द्रौपदी का चीरहरण देखकर भी चुप रहे भीष्म पितामह

Hanuman | Tuesday, 05 Nov 2024 01:37:18 PM
Mahabharat: For this reason Bhishma Pitamah remained silent even after seeing Draupadi being disrobed

इंटरनेट डेस्क। महाभारत में कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध हुआ था। इसमें पांड़वों को जीत मिली थी। इस य्द्ध के पीछे कई कारण बनाए जा रह हैं। उन्हीं में से एक द्रौपदी के चीरहरण भी माना जाता है। द्रौपदी का चीरहरण भीष्म पितामह के सामने ही हुआ था। लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर भीष्म पितामह इस मामले में चुप क्यों रहे। इस बात का जवाब उन्होंने बाद में बाण शय्या पर लेटे हुए दिया था। 

 युद्ध के दौरान अर्जुन ने भीष्म पितामह पर बाणों की बरसात कर उन्हें बाण शय्या पर लेटा दिया था। हालांकि इच्छा मृत्यु का वरदान होने के कारण भीष्म पितामह ने इस उस समय अपने प्राण नहीं त्यागे थे। बाण शय्या पर लेटे हुए भीष्म पितामह ने पांडवों को कई मूल्यवान बातों की जानकारी दी थी। 

इस दौरान द्रौपदी भी उनसे मिलने पहुची। यहां पर द्रौपदी ने भीष्म पितामह से प्रश्न किया कि आखिर किस कारण चीरहरण जैसे कृत्य पर भी वह चुप रहे। उन्होंने इसे रोकने की कोशिश नहीं की। इस दौरान भीष्म पितामह ने द्रौपदी से कहा था कि व्यक्ति जैसा अन्न खाता है, उसका मन भी वैसा ही हो जाता है।

इस कारण भीष्म पितामह नहीं रोक सके थे द्रौपदी का चीरहरण
 भीष्म पितामह ने इस दौरान द्रौपदी से कहा था कि जब मेरी आंखों के सामने चीरहरण जैसा अधर्म हो रहा था, तब भी मैं उसे नहीं रोक सका, क्योंकि मैंने दुर्योधन का अन्न खाया था। इसी कारण उस समय मेरा मन और मस्तिष्क उसी के अधीन हो गया था।

PC: hindi.webdunia
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