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इंटरनेट डेस्क। देशभर में आज कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बड़े जोर शोर के साथ मनाया जा रहा है। बता दें की कार्तिक पूर्णिमा का शैव और वैष्णव दोनों ही सम्प्रदायों में बराबर का महत्व है। आज के दिन की मान्यता है की इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है।
कार्तिक पूर्णिमा का क्या महत्व है
इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है। इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है, इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है। कार्तिक की पूर्णिमा के स्नान से नौ ग्रहों की कृपा आसानी से मिल सकती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर शुभ योग
इस बार की कार्तिक पूर्णिमा बेहद खास मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है।
किस प्रकार करें स्नान और दान?
प्रातःकाल स्नान के पूर्व संकल्प लें फिर नियम और तरीके से स्नान करें। स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें। सफेद वस्त्र धारण करें, फिर मंत्र जाप करें, मंत्र जाप के बाद अपनी क्षमतानुसार दान करें, इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रखे।
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