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pc: newsnationtv
जगन्नाथ मंदिर स्वामी भगवान जगन्नाथ का धाम है। यहाँ श्रीकष्ण उनकी बहन सुभद्रा और बलराम के साथ स्थापित है। ये वैष्णव संप्रदाय के चार धामों में से एक है। यहाँ सभी हिंदू जीवन में एक बार तो जाना ही चाहते हैं। लेकिन आपको शायद ये बात पता ना हो लेकिन कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। राहुल गांधी के प्रवेश पर प्रतिबंध गांधी परिवार के इतिहास से जुड़ा है।
गांधी परिवार और मंदिर में प्रवेश का विवाद
1984 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब जगन्नाथ मंदिर में जाने की इच्छा व्यक्त की थी तो उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। क्योकिं मंदिर में ये लिखा हुआ है कि केवल पारंपरिक हिंदुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। गैर हिंदुरों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसका मतलब है कि इस नियम के अनुसार, सिख, बौद्ध, और जैन धर्म के लोगों को ही अनुमति मिलती है। अन्य धर्म के लोगों को यहाँ एंट्री नहीं मिलती है। यही कारण है कि राहुल गांधी, जो स्वयं को दत्तात्रेय गोत्र का ब्राह्मण कहते हैं मंदिर प्रशासन के अनुसार गैर-हिंदू माने जाते हैं।
इंदिरा गांधी और फ़िरोज़ गांधी की शादी
मंदिर के सेवक इंदिरा गांधी ने फ़िरोज़ गांधी से शादी की थी जो जाति से पारसी थे। हिंदू धर्म में किसी महिला का गौत्र शादी के बाद उसके पति का हो जाता है। इसलिए इंदिरा गांधी का गोत्र फ़िरोज़ गांधी भी पारसी हुए और इसी कारण से उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिल सका.
राहुल और प्रियंका को भी नहीं है अनुमति
लेकिन केवल इंदिरा गांधी ही प्रतिबंध नहीं है बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों जैसे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी अनुमति नहीं है। अगर वे दर्शन करना भी चाहते हैं तो साल में एक बार आयोजित होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग ले सकते हैं।
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