- SHARE
-
उत्तर प्रदेश सरकार ने खेती की जमीन पर निर्माण के लिए NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) अनिवार्य कर दिया है। यह कदम अवैध निर्माण रोकने और कृषि भूमि के संरक्षण के लिए उठाया गया है। अब खेती की जमीन पर मकान या किसी भी प्रकार का निर्माण करवाने के लिए जिला प्रशासन और संबंधित विकास प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी।
क्यों जरूरी है NOC?
सरकार ने पाया कि खेती की जमीन पर तेजी से अवैध निर्माण हो रहे हैं, जिससे न केवल उपजाऊ भूमि बर्बाद हो रही थी, बल्कि अनियंत्रित शहरीकरण भी बढ़ रहा था। इस समस्या को रोकने के लिए सरकार ने यह नीति लागू की है ताकि जमीन का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।
NOC प्राप्त करने की प्रक्रिया
खेती की जमीन पर निर्माण के लिए NOC प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
- आवेदन जमा करें: अपने जिले के विकास प्राधिकरण में आवेदन जमा करें।
- दस्तावेज प्रस्तुत करें: खसरा नंबर, भू-अभिलेख, और प्रस्तावित निर्माण का नक्शा साथ में दें।
- प्राधिकरण की मंजूरी: विकास प्राधिकरण की जांच और मंजूरी के बाद जिलाधिकारी और मंडलायुक्त से अनुमति लें।
- स्थल निरीक्षण: NOC मिलने के बाद प्रशासन निर्माण स्थल का निरीक्षण करेगा।
इस नीति का उद्देश्य:
- अवैध निर्माण रोकना।
- कृषि भूमि का दुरुपयोग रोकना।
- भूमि का व्यवस्थित और सही उपयोग सुनिश्चित करना।
- भू-माफियाओं की गतिविधियों पर लगाम लगाना।
इस नियम के तहत, खेती की जमीन पर मकान बनाना अब बिना अनुमति के संभव नहीं होगा। यह नीति किसानों और भूमि संरक्षण के हित में लागू की गई है।