International Yoga Day 2024: दुःख और अकेलेपन से दूर रखता है योग- गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर 

Samachar Jagat | Thursday, 20 Jun 2024 12:41:48 PM
International Yoga Day 2024: Yoga keeps you away from sadness and loneliness

योग अपने ऊपर कोई शासन नहीं है; बल्कि यह वह अनुशासन है जो आप मन की वृत्तियों पर नियंत्रण रखने के लिए अपने ऊपर लगाते हैं। 
जहाँ भी मन है वहाँ संघर्ष होना निश्चित है। यदि मन को बाहर कोई संघर्ष नहीं मिलता तो फिर यह अपने भीतर ही कोई न कोई संघर्ष खोज लेता है। तो इस तरह से मन ऐसी-ऐसी चीज़ों को जोड़ने लगता है जिसका कोई अर्थ नहीं रहता और भ्रम की स्थिति पैदा कर देता है । इसी को ‘माया’ कहते हैं। समय और मन दोनों जुड़े हुए हैं। जब आप खुश होते हैं तो आपको समय का अनुभव नहीं होता ।  जब आप दुःखी होते हैं तो हर क्षण बहुत भारी लगता है। कम समय और कम ऊर्जा में अधिक काम करने की स्थिति ही तनाव है। 
 
योग कई तरीके से मानव जाति के लिए एक वरदान साबित हुआ है। दुर्भाग्य से आज लोग योग का मतलब केवल शरीर को लचीला बनाना समझते हैं । इसे अच्छे स्वास्थ्य के लिए जिम्नास्टिक माना जाता है। योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि कहते हैं कि योग का उद्देश्य है, “दुःख को आने से पहले ही रोकना। योग से रोगों का उपचार होता है, हमारी समस्याओं का समाधान होता है और यह हमारी आत्मा को उन्नत करने का भी एक तरीका है। योग से हमारा मन आनंदित रहता है और हमारी बुद्धि तीव्र होती है ।
 
कभी-कभी हम आलस्य के कारण योग नहीं करते और पर्याप्त समय न होने का बहाना बनाते हैं लेकिन योग के लिए आप जितना भी समय दे सकते हों, वह निश्चित रूप से आपके लिए फायदेमंद होगा। योग करने से आपको अधिक ऊर्जा मिलेगी और अपने लिए और अधिक समय निकाल पायेंगे। योग का अर्थ ही है 'कर्म में कुशलता प्राप्त करना ।' योग हमारे जीवन जीने का, मन को प्रबंधित करने का और लोगों के साथ मिल जुल कर रहने का कौशल है। ध्यान और प्राणायाम के बिना योग सिर्फ एक व्यायाम बनकर रह जाता है ।
 
यम, नियम,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि योग के आठ अंग हैं। जब हम इन आठ अंगों को अपने जीवन में शामिल करते हैं, तो हम अपने भीतर एक बड़ा परिवर्तन देखते हैं । योग हमें कमजोरी से ताकत की ओर और दुःख से सुख और स्वस्थ जीवन की ओर ले जाता है। इसका अभ्यास करने के लिए हमें किसी विशेष संप्रदाय या धर्म का होना आवश्यक नहीं है।
 
जब आप अपनी क्षमता से अवगत नहीं होते  तो यह एक कष्ट बन जाता है। चुनौतियाँ आपकी वीरता, करुणा और किसी बड़े उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता को व्यक्त करने का एक तरीका भी हैं। यहीं पर योग काम आता है। यह आपके आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति को विकसित करता है जिससे आप दुःख और अकेलेपन को कम कर सकते हैं और समाज में अपनेपन की भावना पैदा कर सकते हैं। जब लोग बहुत अधिक कष्ट और दुःख से गुजरते हैं, तो आपको उनके जीवन में और अधिक सकारात्मकता लाने की जरूरत है। जहाँ भी आपको लोगों में नकारात्मकता मिले उन्हें योग करने के लिए प्रेरित करें और अगर लोगों में सकारात्मकता है भी तो उन्हें योग करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि उनमें वह सकारात्मकता बनी रहे।
 
सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से शरीर में प्राण शक्ति बढ़ाकर, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाया जा सकता है। पद्मसाधना सुंदर योगासनों का एक क्रम है जो शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है। इसके अभ्यास से मन हल्का हो जाता है और आपकी आत्मा का उत्थान होता है । 
 
योग और आयुर्वेद का विज्ञान एक साथ चलता है। जड़ी-बूटी का यह प्राचीन विज्ञान हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखता है। अपनी शारीरिक बनावट के अनुसार सात्विक आहार लेना अच्छा है। यदि आप बहुत अधिक राजसिक और तामसिक आहार ले रहे हैं, तो यह आपके यौगिक और आध्यात्मिक विकास में बाधा डालेगा। ध्यान उतना प्रभावशाली नहीं रहेगा। अच्छे आयुर्वेदिक डिटॉक्स के लिए ताजे फल, सब्जियाँ और खिचड़ी के सेवन की सलाह दी जाती है।

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