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इनकम टैक्स अपडेट: टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। दरअसल यह खबर टैक्सपेयर्स को अलर्ट करने के लिए है। दरअसल, हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि बिना एआईएस के आईटीआर फाइल नहीं करना चाहिए।
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तैयारी कर रहे हैं तो जल्दबाजी बिल्कुल न करें। दरअसल, वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) के लिए ITR की डेडलाइन 31 जुलाई है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार लोगों को ITR फाइल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. जिसकी वजह से पिछले कुछ सालों में आईटीआर फाइल करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
पिछले कुछ सालों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR फाइलिंग प्रोसेस को और आसान बनाने की कोशिश की है. इसलिए इस बार आईटीआर भरने से पहले आपको बदलावों के बारे में जान लेना चाहिए।
रिटर्न फाइल करने से पहले तैयार रखें ये दस्तावेज-
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR को आसान बनाने के लिए AIS (एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट) और TIS (टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी) पेश किया है। . विभाग का कहना है कि एआईएस आईटीआर फाइलिंग में पारदर्शिता लाएगा और करदाताओं के लिए चीजों को आसान बनाएगा। जानकारों का कहना है कि एआईएस की मदद से इनकम टैक्स फाइल करना बेहद आसान हो जाता है.
इसलिए आईटीआर फाइल करने से पहले आपके पास एआईएस होना जरूरी है। जब तक आपको एआईएस प्राप्त नहीं हो जाता, तब तक आईटीआर फाइल न करें। क्योंकि एआईएस के बिना आईटीआर फाइल करने पर आंकड़ों में अंतर हो सकता है। हालांकि अद्यतन एआईएस अभी उपलब्ध नहीं है, संभावना है कि यह दस्तावेज़ मई के पहले सप्ताह में करदाताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगा।
एआईएस क्या है?
नए एआईएस फॉर्म में करदाताओं को अलग-अलग माध्यमों से अर्जित सभी आय का ब्योरा दिया जाता है। इनमें सेविंग अकाउंट की ब्याज आय, रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट इनकम, डिविडेंड से इनकम, म्यूचुअल फंड और सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन से होने वाली इनकम, विदेश से प्राप्त पैसा आदि शामिल हैं।
आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाने के लिए एआईएस में आपको हर तरह के ट्रांजैक्शन दिखाई देंगे। इसमें करदाताओं को कर योग्य राशि के बारे में एकमुश्त जानकारी मिलती है। विभाग ने पहले इसे ट्रायल के तौर पर शुरू किया था, अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
आमतौर पर वेतनभोगी वर्ग फॉर्म-16 के आधार पर आईटीआर फाइल करता है। हालांकि, इसके अलावा भी कई तरह की इनकम और यहां तक कि गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं। यहीं पर AIS और TIS करदाताओं के लिए मददगार साबित होते हैं। AIS में आपको सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से होने वाली हर आय का विवरण मिलता है, जो आयकर अधिनियम 1961 के तहत निर्दिष्ट किया गया है। मतलब, हर उस आय की जानकारी जो टैक्सेबल कैटेगरी में है, उसमें उपलब्ध होगी। सरल शब्दों में, एक वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए सभी वित्तीय लेन-देन के विस्तृत विवरण को AIS कहा जा सकता है। टीआईएस इसका सारांश है।
एआईएस/टीआईएस को ऐसे ऑनलाइन डाउनलोड करें (How to Download AIS/TIS)…
सबसे पहले इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल पर जाएं।
अब पैन नंबर और पासवर्ड की मदद से अपने अकाउंट में लॉग इन करें।
शीर्ष मेनू में सेवाएँ टैब पर जाएँ।
ड्रॉपडाउन में 'वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस)' चुनें।
Proceed पर क्लिक करते ही एक अलग वेबसाइट खुलेगी।
– नई वेबसाइट पर एआईएस के विकल्प को चुनें।
अब आपको एआईएस और टीआईएस दोनों को डाउनलोड करने का विकल्प मिलेगा।
- आप AIS और TIS को PDF या JSON फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।
एआईएस/टीआईएस को ऐसे ऑनलाइन डाउनलोड करें (How to Download AIS/TIS)…
सबसे पहले इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल पर जाएं।
अब पैन नंबर और पासवर्ड की मदद से अपने अकाउंट में लॉग इन करें।
शीर्ष मेनू में सेवाएँ टैब पर जाएँ।
ड्रॉपडाउन में 'वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस)' चुनें।
Proceed पर क्लिक करते ही एक अलग वेबसाइट खुलेगी।
– नई वेबसाइट पर एआईएस के विकल्प को चुनें।
अब आपको एआईएस और टीआईएस दोनों को डाउनलोड करने का विकल्प मिलेगा।
-आप AIS और TIS को PDF या JSON फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।
इसके अलावा अब एआईएस ऐप भी लॉन्च किया गया है। जिसका नाम AIS For Taxpayers है। इसकी मदद से करदाता अपने फोन पर एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) या टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (टीआईएस) में उपलब्ध सूचनाओं को आसानी से देख सकेंगे। इस मोबाइल एप्लिकेशन को Google Play और ऐप स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है।
एआईएस ऐप पर पंजीकरण की प्रक्रिया
- अपने मोबाइल फोन में गूगल प्ले स्टोर ओपन करें।
अब सर्च ऑप्शन में AIS for Taxpayers लिखकर सर्च करें।
इसके बाद आपके मोबाइल स्क्रीन पर एआईएस ऐप दिखाई देगा।
- इसके आगे दिए गए इंस्टॉल ऑप्शन पर क्लिक करें और यह डाउनलोड हो जाएगा।
फोन में ऐप डाउनलोड होने के बाद इसे ओपन करें और पैन कार्ड डिटेल्स भरें।
पैन विवरण के माध्यम से खुद को पंजीकृत करने के बाद, आपके पंजीकृत नंबर पर ओटीपी आएगा।
ई-फाइलिंग पोर्टल पर इसी ओटीपी और रजिस्टर्ड ई-मेल के जरिए ऑथेंटिकेशन करना होगा।
- इसके बाद आप 4 डिजिट का पिन सेट कर मोबाइल का इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं।
एआईएस एप के जरिए करदाता अपने मोबाइल फोन पर 46 तरह के लेनदेन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना भी आसान हो जाएगा. इस पर उपलब्ध जानकारी के जरिए करदाता आईटीआर फाइल करते समय होने वाली गलतियों से बच सकते हैं।
इसके अलावा रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ दस्तावेज तैयार रखें। आयकर विभाग जिन दस्तावेजों की बात कर रहा है उनमें फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, बैंक से मिला ब्याज सर्टिफिकेट, होम लोन है तो उसका स्टेटमेंट जरूरी है.