- SHARE
-
आयकर स्लैब: समय पर, आयकर का लगातार भुगतान और रिटर्न दाखिल करना यह सुनिश्चित करता है कि सरकार के पास किसी भी समय जन कल्याण के लिए पैसा है।
वहीं अगर करदाता टैक्स चुकाने या जानकारी का खुलासा करने में चूक करते हैं तो आयकर अधिनियम के तहत कई तरह के जुर्माने भी निर्धारित हैं। जुर्माना गैर-अनुपालन के लिए करदाता पर लगाया गया जुर्माना है।
इनकम टैक्स रिटर्न
हर साल सरकार द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की एक तारीख तय की जाती है। वहीं अगर कोई टैक्सपेयर इस ड्यू डेट तक टैक्स फाइल नहीं कर पाता है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. आयकर अधिनियम की धारा 234एफ के तहत अधिसूचित बदले हुए नियमों के अनुसार, समय सीमा के बाद अपना आईटीआर दाखिल करने पर आपको अधिकतम 5,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।
ITR FY 2022-23 के लिए अगर आप 31 जुलाई 2023 (इंडिविजुअल ITR) से पहले अपना ITR फाइल करते हैं तो कोई पेनल्टी नहीं लगेगी। 31 जुलाई, 2023 के बाद रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माने की सीमा बढ़ाकर 5,000 रुपये की जाएगी। हालांकि, छोटे करदाताओं को राहत के तौर पर आयकर विभाग ने कहा है कि अगर आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, तो देरी के लिए जो अधिकतम जुर्माना लगाया जा सकता है, वह केवल 1,000 रुपये होगा।
आयकर
वहीं अगर कोई 31 दिसंबर 2023 तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो देरी से फाइल करने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा, लेकिन उसके बाद अगर कोई वित्तीय वर्ष 2022-23 का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो उतनी देर से दाखिल करने पर उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे में पेनल्टी की रकम से बचने के लिए समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें।
(pc aditya birla)