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डाइबिटीज वो बीमारी है जो हृदय, ब्लड प्रेशर , किडनी और आंखों से संबंधित बीमारियों को बढ़ाती है। गलत खान-पान से डाइबिटीज की बीमारी हो सकती है और यह स्थिति ब्लड सुगर लेवल को बढ़ा देती है। हम अपनी दैनिक लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव से गंभीर बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं। आइए जानते है उन योगाभ्यास के बारे में जिनसे डाइबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तासन योग इंसुलिन बढ़ाने में मदद करता है। पश्चिमोत्तानासन योग में, पश्चिम का अर्थ है पश्चिम या शरीर का पिछला भाग और उत्तान का अर्थ है फैला हुआ। यह योगासन आपको रीढ़ की हड्डी के दर्द से छुटकारा दिलाता है और इंसुलिन के लेवल को बढ़ाने के लिए भी रामबाण है। इस योग मुद्रा को करने के लिए पीठ और पैरों को सीधा करके बैठ जाएं और हाथों की उंगलियों को पंजों तक ले जाएं। इस एक्सरसाइज को धीरे-धीरे करें और हाथों को पैरों के पास 10 से 20 सेकंड के लिए रखें और फिर यही स्टेप्स दोहराएं।
भुजंगासन
भुजंगासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। अब अपनी दोनों हथेलियों को फर्श पर रखते हुए धीरे-धीरे अपनी गर्दन को ऊपर उठाएं और ऊपर की ओर उठें। जितना हो सके उतना ऊपर उठो। इस पोजीशन में आपका वजन सिर्फ आपकी हथेलियों पर होना चाहिए। 30 सेकेंड तक इसी स्थिति में रहें। इस आसन को तीन से चार बार करें। ऐसा करने से कुछ ही दिनों में इंसुलिन का लेवल बढ़ने लगता है।
धनुरासन
धनुरासन के लिए अपने पैरों को बराबर दूरी पर रखें और पेट के बल लेट जाएं। हाथों को अपने पास रखें और टखने को पकड़कर घुटने को मोड़ें। अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे अपनी छाती को फर्श से ऊपर उठाने की कोशिश करें। इसके बाद दोनों पैरों को पकड़कर अपने दोनों हाथों को पीछे ले आएं और फर्श से थोड़ा ऊपर ले जाएं। इस स्थिति में कम से कम 15 सेकेंड तक रहें, फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं और धीरे-धीरे अपने हाथों और पैरों को जमीन पर टिका दें।
बालासन
बालासन करने के लिए दोनों घुटनों को मोड़कर फर्श पर गर्दन और पीठ को फर्श की ओर झुकाकर हाथों को अपने बगल में रखकर बैठ जाएं। इस स्थिति में 12 से 15 सेकेंड तक रहें। इससे इंसुलिन सर्कुलेशन बढ़ेगा और आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा।