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pc: kalingatv
मानसून भीषण गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन साथ ही संक्रमण भी साथ लाता है। पानी में अचानक बदलाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है, जिससे व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ सकता है। सर्दी, खांसी, गले में खराश और बुखार इस मौसम में होने वाली कुछ आम बीमारियाँ हैं। इस मौसम में तुलसी के पत्ते (पवित्र तुलसी के पत्ते) बचाव के लिए आते हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आप अपने आहार में तुलसी के पत्तों को कई तरह से शामिल कर सकते हैं। ऐसा करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं।
तुलसी और हल्दी का काढ़ा
काढ़ा एक मुख्य भारतीय पेय है और यह अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। इस मानसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए तुलसी और हल्दी से बना काढ़ा पिएँ। इन दोनों सामग्रियों में सूजन-रोधी गुण होते हैं और ये संक्रमण को दूर रखने में मदद करेंगे।
तुलसी और अदरक की चटनी
क्या आप जानते हैं कि आप तुलसी के पत्तों से चटनी बना सकते हैं। तुलसी के पत्तों, अदरक और इमली से बनी चटनी खाने में बहुत स्वादिष्ट लगती है और साथ ही यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है।
तुलसी पनीर सैंडविच
नाश्ते में तुलसी पनीर सैंडविच खाना आपके दिन की शुरुआत सेहतमंद तरीके से करने के लिए एकदम सही है। यह सैंडविच 15 मिनट में बन जाता है और काफी पौष्टिक होता है। आप इस सैंडविच में अपनी पसंद की कोई भी सब्जी डाल सकते हैं।
तुलसी और लौंग का काढ़ा
मानसून के मौसम में काढ़ा पीना बहुत ज़रूरी है। संक्रमण के इस मौसम में काढ़ा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। तुलसी और लौंग का काढ़ा पीने से औषधीय गुण मिलते हैं और यह सर्दी-खांसी जैसे संक्रमणों से बचाता है। काढ़े को और पौष्टिक बनाने के लिए इसमें दालचीनी और हल्दी मिलाएँ।
तुलसी और अदरक की चाय
अगर आपको चाय पसंद है, तो नियमित चाय की जगह हर्बल चाय पिएँ। तुलसी, अदरक और दूसरे मसालों जैसे तेज पत्ता, काली मिर्च और दूसरे मसालों से बनी चाय पीने से मानसून के दौरान आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तुलसी, अदरक की चाय का स्वाद आम चाय जितना ही अच्छा होता है और आप अपनी चाय में कोई भी प्राकृतिक स्वीटनर मिला सकते हैं।
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