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गर्भावस्था के दौरान, महिलाएं अक्सर शारीरिक संबंध को लेकर असमंजस में रहती हैं। क्या यह शिशु के लिए सुरक्षित है? कौन सा समय उपयुक्त है और किन स्थितियों में इससे बचना चाहिए? दिल्ली की विशेषज्ञ डॉ. उमा के अनुसार, दूसरी तिमाही शारीरिक संबंध के लिए सबसे सुरक्षित होती है। इस दौरान शिशु का विकास स्थिर हो जाता है और गर्भावस्था के शुरुआती परिवर्तन महिला के शरीर द्वारा स्वीकार कर लिए जाते हैं।
हालांकि, यदि गर्भावस्था में कोई जटिलता, जैसे ब्लीडिंग, प्लेसेंटा की स्थिति, या भारी पेट दर्द महसूस हो, तो संभोग से बचने की सलाह दी जाती है।
कब बन सकता है खतरा?
- पहली तिमाही में संभोग: शुरुआती 6-12 सप्ताह में संबंध बनाने से गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है।
- अंतिम सप्ताह में संभोग: एमनियोटिक फ्लूइड के रिसने या संक्रमण का खतरा हो सकता है।
शारीरिक संबंध और शिशु की सुरक्षा
डॉक्टरों के अनुसार, गर्भाशय की मजबूत मांसपेशियां और एमनियोटिक थैली शिशु को पूरी तरह से सुरक्षित रखती हैं। यदि गर्भावस्था सामान्य है, तो शारीरिक संबंध से शिशु को कोई नुकसान नहीं होता।
डिस्क्लेमर
यह जानकारी सामान्य ज्ञान और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध को लेकर डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।