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मार्च 2025 में एक उल्लेखनीय खगोलीय घटना घटेगी, क्योंकि एक ही महीने में चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण दोनों घटित होंगे। पहला ग्रहण 14 मार्च, 2025 को होली के साथ होगा, जो पूर्णिमा के दिन पड़ता है। यह चंद्र ग्रहण होगा। दूसरा ग्रहण 29 मार्च, 2025 को अमावस्या के दिन होगा, और यह एक सूर्य ग्रहण होगा।
ग्रहण के दौरान क्या करें?
ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ खास काम शुभ माने जाते हैं:
मंत्रों का जाप: हनुमान चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र या भगवद गीता के श्लोकों का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
ध्यान और पूजा: प्रार्थना, हवन (पवित्र अग्नि अनुष्ठान) या अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होने से मानसिक शांति को बढ़ावा मिल सकता है।
दान: जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या पैसे दान करने से आशीर्वाद मिलता है।
शुद्धिकरण: ग्रहण के बाद, आध्यात्मिक शुद्धि के लिए घर में स्नान और गंगा जल छिड़कने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के दौरान क्या न करें?
खाने या पीने से बचें: ग्रहण के दौरान भोजन या पानी का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
कोई शुभ कार्य न करें: शादी, गृह प्रवेश समारोह या गोद भराई जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम स्थगित कर दिए जाने चाहिए।
नकारात्मक विचारों से बचें: ग्रहण के दौरान ऊर्जा अस्थिर मानी जाती है, इसलिए सकारात्मक रहें और क्रोध से बचें।
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां: गर्भवती माताओं को घर के अंदर रहना चाहिए और चाकू या कैंची जैसी नुकीली वस्तुओं से बचना चाहिए।
यात्रा न करें: पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान यात्रा करना हतोत्साहित किया जाता है।
दृश्यता और ज्योतिषीय प्रभाव
हालाँकि दोनों ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे, फिर भी उनका ज्योतिषीय महत्व है और वे विभिन्न राशियों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, आवश्यक सावधानी बरतना और आध्यात्मिक साधना में संलग्न होना लाभकारी माना जाता है।
PC: newsnationtv