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pc: abplive
भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए कई योजनाएं चलाती है, जो विभिन्न जरूरतों को पूरा करती हैं। इनमें से कई पहल खास तौर पर लड़कियों के कल्याण पर केंद्रित हैं। "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" अभियान के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही है।
"बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" पहल के तहत 2015 में शुरू की गई, सुकन्या समृद्धि योजना का उद्देश्य माता-पिता की अपनी बेटियों के भविष्य की चिंताओं को दूर करना है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है, जो भविष्य के लिए बचत तंत्र प्रदान करती है।
मुख्य विशेषताएं:
पात्रता: इस योजना के तहत खाता खोलने के लिए बेटी की आयु 10 वर्ष से कम होनी चाहिए।
खाते की सीमा: माता-पिता दो बेटियों के लिए अधिकतम दो खाते खोल सकते हैं। अगर किसी परिवार में तीन बेटियाँ हैं, तो तीसरी बेटी इस योजना के लिए पात्र नहीं है।
निवेश: इस योजना में न्यूनतम वार्षिक जमा राशि ₹250 और अधिकतम जमा राशि ₹1.5 लाख है। इस योजना में निवेश कर-मुक्त है।
अवधि: निवेश कम से कम 15 साल के लिए किया जाना चाहिए। बेटी के 10वीं कक्षा पास करने या 18 साल की होने पर आंशिक निकासी की जा सकती है, लेकिन साल में केवल एक बार में ही निकासी हो सकती है।
ब्याज दर: वर्तमान में, यह योजना 7.6% की ब्याज दर प्रदान करती है।
कैसे लाभ उठाएँ:
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के लिए, माता-पिता को बैंक या डाकघर जाना होगा। उन्हें माता-पिता का नाम, बेटी का नाम, उसकी उम्र जैसे विवरणों के साथ एक आवेदन पत्र भरना होगा और माता-पिता का आय प्रमाण और बेटी का जन्म प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
संभावित लाभ:
उदाहरण के लिए, यदि माता-पिता 15 साल के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में प्रति वर्ष ₹1 लाख का निवेश करते हैं, तो उनका कुल निवेश ₹15 लाख होगा। 7.6% की वार्षिक ब्याज दर पर, वे ₹30,00,650.92 ब्याज अर्जित करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप 15 वर्षों के बाद कुल राशि ₹45,00,650.92 हो जाएगी
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