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सरकारी बैंक कर्मचारियों को सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है. वित्त मंत्रालय ने बैंक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मंत्रालय ने बैंकिंग एसोसिएशन (आईबीए) से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। साथ ही कहा कि इसे 1 दिसंबर तक पूरा करने के लिए भी कहा गया है. पीटीआई ने वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है. सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन की समीक्षा का मामला नवंबर 2022 से अटका हुआ है.
संगठनों से बातचीत के बाद ही इसमें बढ़ोतरी होगी
अधिकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने बैंकिंग एसोसिएशन से वेतन बढ़ोतरी पर बातचीत समय पर पूरी करने को कहा है. ताकि कर्मचारियों की सैलरी समय पर बढ़ाई जा सके. बैंकिंग एसोसिएशन भी विभिन्न बैंकों के कर्मचारी संगठनों से बातचीत के बाद बनी सहमति के आधार पर वेतन बढ़ोतरी के नतीजे पर पहुंचता है. अधिकारी का कहना है कि वेतन में बदलाव के लिए मंत्रालय ने निष्पक्षता और समानता पर जोर दिया है. सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि वेतन संरचना बैंकिंग उद्योग की बाकी इकाइयों के साथ प्रतिस्पर्धी बनी रहे।
वेतन वृद्धि को समय पर लागू करने का प्रयास किया जा रहा है
पीटीआई ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि प्रारंभिक वेतन वृद्धि से कामकाजी परिस्थितियों में सुधार करने और बैंकिंग क्षेत्र में कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने आईबीए से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि भविष्य की सभी वेतन वार्ताएं अगली अवधि शुरू होने से पहले पूरी हो जाएं, ताकि वेतन संशोधन को नियत तारीख से लागू किया जा सके।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि एक जटिल मुद्दा है। आईबीए ने कहा है कि वह यूनियनों के साथ एक ऐसे समझौते पर पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है जो बैंकों और कर्मचारियों दोनों के लिए उचित हो। यूनियनों ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि आईबीए उचित वेतन वृद्धि की पेशकश करने में सक्षम होगा।
सरकारी बैंकों की स्थिति अच्छी
अधिकारी के अनुसार, बैंकों के लिए वेतन समझौता हमेशा एक कठिन और समय लेने वाली प्रक्रिया रही है, जिसमें बैंक प्रबंधन और आईबीए द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए कर्मचारी संघ कड़ी बातचीत में लगे हुए हैं। सरकार ने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का फैसला ऐसे समय में किया है जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय स्थिति अच्छी है. वित्त वर्ष 2023 में उनकी कुल संपत्ति लगभग तीन गुना बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो वित्त वर्ष 2014 में 36,270 करोड़ रुपये थी।
(pc rightsofemployees)