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गरुड़ पुराण में इंसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक के कई रहस्यों के बारे में जानकारी दी गई है। इनके बारे में सभी को पता होना चाहिए। जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है, कहा जाता है कि इस से आत्मा को धरती से मोह त्याग कर जाने में मदद मिलती है। वहीं गरुड़ पुराण में ये भी कहा गया है कि मृत्यु के बाद शव को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए। लेकिन ऐसा क्यों कहा गया है, इसी बारे में हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं।
शव को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता?
गरुड़ पुराण के अनुसार शव को खास तौर पर रात में अकेले नहीं छोड़ना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योकिं रात में बुरी आत्माएं सक्रिय होती हैं और मृतक के शरीर के प्रवेश कर सकती हैं। इस से परिवार के सदस्यों को मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार करने के बाद मृतक की आत्मा आत्मा दाह संस्कार तक शरीर के पास ही रहती है और बार बार शरीर में प्रवेश करने की कोशिश करती है। क्योंकि मृत्यु के बाद भी आत्मा का शरीर से जुड़ाव रहता है। इसलिए भी शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता है।
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इसके अलावा गरुड़ पुराण के अनुसार शव को अकेले छोड़ने पर उसके आस-पास चीटियां या कीड़े-मकौड़े आने का भी डर रहता है। इसलिए कभी भी शव को अकेला नहीं छोड़ा जाता।
रात के समय तांत्रिक क्रियाएं बहुत ज्यादा बढ़ जाती है और शव को ऐसे में अकेले छोड़ दिया जाए तो मृत आत्मा संकट में आ सकती है। कभी भूलकर भी शव को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए.
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