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गरुड़ पुराण में इंसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक के कई रहस्यों के बारे में जानकारी दी गई है। इनके बारे में सभी को पता होना चाहिए। जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है, कहा जाता है कि इस से आत्मा को धरती से मोह त्याग कर जाने में मदद मिलती है। वहीं गरुड़ पुराण में ये भी कहा गया है कि मृत्यु के बाद मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा होता है और उसके अनुसार ही उसे फल भोगना पड़ता है। वहीं मनुष्य का अगला जन्म किस रूप में होगा, ये भी कर्मों पर ही निर्भर होता है। आइए जानते हैं कि कर्मों के आधार पर कोई व्यक्ति अगला जन्म किस रूप में लेता है?
जैसा कर्म वैसा जन्म
गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग महिलाओं का शोषण करते हैं या महिलाओं पर अत्याचार करते हैं उन्हें अगले जन्म में भयानक बिमारियों से पीड़ित होना पड़ता है। इसके अलावा अप्राकृतिक रूप से संबंध बनाने वाले अगले जन्म में नपुंसक के रूप में पैदा होते हैं।
गरुड़ पुराण के अनुसार अपने जीवन में केवल छल कपट के जरिए आगे बढ़ने वाला व्यक्तिअगले जन्म में उल्लू बनता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति झूठी गवाही देता है तो उसे अगले जन्म में अँधा बनना पड़ता है।
जो व्यक्ति लूटपाट करता है, जानवरों को परेशान करता है या शिकार कर के अपने परिवार का भरण पोषण करता है तो उसे अगले जन्म में किसी कसाई के हाथों मृत्यु प्राप्त होती है। दूसरे शब्दों में कहें तो उसे भी दूसरा जन्म जानवर के रूप में मिलता है।
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अगर कोई मनुष्य अपने माता-पिता और भाई-बहन को प्रताड़ित करता है तो जन्म लेने से पहले उसकी मृत्यु गर्भ में ही हो जाती है।
अपने गुरु का अपमान करने वाले व्यक्ति को नर्क जाना पड़ता है। ऐसा व्यक्ति अगले जन्म में जल रहित वन में ब्रह्मराक्षस बनकर पैदा होता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार मरते समय जो भगवान का नाम लेता है उसे जन्म मृत्यु के कर्म से मुक्ति मिल जाती है और भगवान उसकी मुक्ति का मार्ग खोल देते हैं।
जो मनुष्य स्त्री की हत्या, गर्भपात या गाय की हत्या करता है वह अगले जन्म में मूर्ख और कुबड़ा बनकर पैदा होता है.
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