Garud Puran: गरुड़ पुराण के अनुसार मरने वाले को कुछ घंटों पहले ही हो जाता है अहसास, दिखाई देने लगती है ये चीजें

varsha | Tuesday, 24 Sep 2024 01:17:11 PM
Garud Puran: According to Garud Puran, the person who is going to die gets a feeling a few hours before death, he starts seeing these things

मृत्यु एक ऐसा अटल सत्य है जिसे कोई टाल नहीं सकता है। हालाँकि, गरुड़ पुराण जन्म और मृत्यु के चक्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। गरुड़ पुराण में इस बारे में विस्‍तृत जानकारी दी गई है कि जब व्‍यक्ति अपने जीवन के एकदम आखिरी वक्‍त में पहुंच जाता है तो उसे क्या क्या महसूस होता है। आइए जानें कि किसी व्यक्ति के अंतिम क्षण कैसे सामने आते हैं।

मृत्यु से पहले पूर्वज प्रकट होते हैं
गरुड़ पुराण के अनुसार, जब कोई व्यक्ति अपनी अंतिम साँस ले रहा होता है, तो उसे अक्सर अपने आस-पास मृतक रिश्तेदारों की उपस्थिति का एहसास होता है। ऐसा लगता है जैसे ये पूर्वज उसे बुला रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि मरने वाले को ऐसे संकेत इसलिए मिलते हैं कि ताकि वह अपनी आखिरी इच्‍छा अपने परिजनों को बता सके।

रहस्यमय द्वार
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब व्‍यक्ति का दम निकलने वाला रहता है तो एक प्रकार का रहस्‍यमयी द्वार दिखने लगता है। कुछ लोगों को इस द्वार से प्रकाश की किरणें निकलती हुई दिखाई दे सकती हैं, जबकि अन्य को आग की लपटें दिखाई दे सकती हैं। यदि कोई गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति ऐसे दृश्य देखने की बात कहता है तो परिवार के सदस्यों को यह पहचान लेना चाहिए कि उस व्यक्ति के जाने का समय निकट है।

यमदूतों की उपस्थिति
अपने अंतिम क्षणों में, व्यक्ति को छायादार आकृतियाँ दिखाई दे सकती हैं, जिन्हें अक्सर यमदूत कहा जाता है, जो आत्मा को ले जाने के लिए आते हैं। जब कोई इन आकृतियों के बारे में बताता है तो यह संकेत देता है कि केवल कुछ साँसें बची हैं। इस दौरान व्यक्ति के आस-पास का वातावरण भी नकारात्मक हो सकता है।

परछाई भी नहीं देती है साथ
आमतौर पर कहा जाता है कि जब मृत्यु निकट आती है, तो उसकी परछाई भी उसका साथ नहीं देती। यह केवल कहावत नहीं बल्कि हकीकत है। व्‍यक्ति का आखिरी वक्‍त निकट आ जाने पर उसे पानी, शीशा और घी, तेल में अपनी परछाई नहीं दिखाई देती। ऐसे संकेत बताते हैं कि उसके पास कुछ ही समय बचा है।

पिछले कार्यों पर चिंतन
जैसे-जैसे किसी व्यक्ति का अंत निकट आता है, वह अक्सर अपने पिछले अच्छे और बुरे दोनों कार्यों पर चिंतन करता है। अपने अंतिम क्षणों में, वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ अनकही इच्छाएँ या पछतावे साझा करना चाह सकता है - वे विचार जो उन्होंने अब तक अपने तक ही सीमित रखे हैं वो अपने परिवारजनों को बताना चाहता है। परिवार के सदस्यों को इन अंतिम वार्तालापों को धैर्यपूर्वक सुनना चाहिए और अपने प्रियजन की अंतिम इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।

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