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केंद्र सरकार देश में बिकने वाली दवाओं की समय-समय पर समीक्षा करती रहती है। इसी कड़ी में सरकार ने 14 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, यानी अब ये दवाएं बाजार में नहीं बिकेंगी।
इन दवाओं में कई ऐसी दवाएं होती हैं, जिन्हें लोग तुरंत आराम पाने के लिए दवाई की दुकान से खुद ही खरीद लेते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर यह जानकारी दी है।
केंद्र सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति की सलाह पर इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इन दवाओं से लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका थी। समिति ने पाया कि ये 14 दवाएं लोगों के स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा रही हैं, इसकी जानकारी की पुष्टि नहीं की जा सकी और न ही इसका कोई औचित्य पाया गया.
एफडीसी दवाएं क्या हैं?
FDC का मतलब फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन है। ये दवाएं दो या दो से अधिक दवाओं का संयोजन हैं। इन्हें 'कॉकटेल' ड्रग्स भी कहा जाता है। एफडीसी के बारे में अक्सर बात होती रही है कि इस तरह का कॉम्बिनेशन बनाया जाना चाहिए या नहीं। अमेरिका और कई अन्य देशों में एफडीसी दवाओं की बहुतायत पर प्रतिबंध है। भारत में जितनी ज्यादा एफडीसी दवाएं बिकती हैं, उतनी ही किसी विकसित देश में शायद ही इनका इस्तेमाल होता है। इन दवाओं के अनुपात और इनके प्रभावों पर कई सवाल उठाए गए हैं।
एफडीसी दवाओं का संयोजन कैसे किया जा सकता है?
हर दवा के ऊपर उसका फॉर्मूलेशन यानी जेनरिक नाम लिखा होता है। इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि यह दवा किन लवणों का मिश्रण है। उदाहरण के लिए, सेरिडॉन पेरासिटामोल, प्रोपीफेनाज़ोन और कैफीन का संयोजन है। इसी तरह के कुछ संयोजन हैं- सेफिक्सिम और एज़िथ्रोमाइसिन, एफ्लोक्सिन, ओनिडाज़ोल और ओरिडाज़ोल सस्पेंशन, मेट्रोनिडाज़ोल और नोरफ्लैक्सिन का संयोजन। यानी जब भी आप दवा खरीदें तो उसके ऊपर उसका कॉम्बिनेशन जरूर चेक करें।
(pc rightsofemployees)