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Fastag System Change: टोल प्लाजा पर FASTag आने के बाद भी लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसी वजह से फास्टैग को लेकर सरकार जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है।
सरकार ऐसी सुविधा ला सकती है, जिससे टोल प्लाजा की जरूरत खत्म हो जाएगी। ऐसी ही दिक्कतों से निजात पाने के लिए केंद्र सरकार एक नया टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने की योजना बना रही है। सरकार जल्द ही टोल संग्रह के लिए एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) कैमरों नामक एक नई जीपीएस-आधारित टोल प्रणाली को लागू करने की योजना बना रही है।
कैसे काम करेगा यह जीपीएस बेस्ड सिस्टम?
यह एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) सिस्टम वाहन की लाइसेंस प्लेट को पढ़ेगा, जिसके बाद वाहन मालिक के बैंक खाते से टोल टैक्स काट लिया जाएगा। यह सिस्टम एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर लगे कैमरों पर निर्भर करेगा। ये कैमरे लाइसेंस प्लेट की फोटो क्लिक करेंगे और वाहन नंबर से टोल के जरिए टोल टैक्स काट लेंगे। फास्टैग की जगह यह नया एएनपीआर सिस्टम बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आईआईएम कलकत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक टोल प्लाजा पर वाहनों के खड़े होने से करीब 1 लाख करोड़ रुपये और टोल प्लाजा पर जाम की वजह से हर साल करीब 45 हजार रुपये का तेल बर्बाद होता है। करोड़ों रुपये का नुकसान होता है, यानी कुल मिलाकर टोल नाकों की वजह से देश को 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है. ऐसे में आपकी जेब और देश के आर्थिक नुकसान को बचाने के लिए जल्द ही जीपीएस सिस्टम शुरू होने वाला है।
गाड़ी की नंबर प्लेट भी बदल सकती है
सरकार जल्द ही वाहनों की नंबर प्लेट में भी बड़ा बदलाव कर सकती है। अब नई नंबर प्लेट में वाहन नंबर के साथ जीपीएस भी होगा। हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नए वाहनों में जीपीएस नंबर प्लेट लगाने का आदेश दिया है। साथ ही अब पुराने वाहनों में भी नई नंबर प्लेट लगवानी होगी।
इन नई नंबर प्लेट में नया जीपीएस भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही टोल प्लाजा पर एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाएगा, जिससे वाहन के निकलते ही आपके खाते से टोल टैक्स का पैसा कट जाएगा। अब आपके वाहनों में लगी नंबर प्लेट सामान्य नहीं होगी बल्कि उसमें जीपीएस सिस्टम होगा। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नए वाहनों में जीपीएस नंबर प्लेट लगाने का आदेश दिया है।
वहीं पुराने वाहनों में पुरानी नंबर प्लेट को हटाकर नई नंबर प्लेट लगानी होगी। इसमें नंबर प्लेट पर जीपीएस सिस्टम लगा होगा। इसके साथ ही एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाएगा, जिससे टोल प्लाजा पर पहुंचते ही टोल अपने आप कट जाएगा।