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देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर दौसा तक वाहनों का चलना शुरू हो गया है। वाहन चालकों को यह एक्सप्रेसवे काफी पसंद आ रहा है।
बिना ब्रेकर्स वाले इस एक्सप्रेसवे पर कारों की अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन, इस पर मोटरसाइकिल और स्कूटर जैसे धीमे वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। इस एक्सप्रेस-वे पर अगर कोई बाइक के साथ पकड़ा गया तो उसे पांच हजार रुपये चालान के रूप में देने होंगे.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर ओवरस्पीडिंग के कारण भी हादसे हो रहे हैं। हाल ही में एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार से दौड़ रही एक कार पलट गई। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। लोगों के लापरवाही से वाहन चलाने पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही एक्सप्रेस-वे पर ई-चालान सिस्टम लगाया जाएगा। इसके साथ ही गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहनों का स्वत: चालान कट जाएगा।
दिल्ली पर अधिकतम गति
-मुंबई एक्सप्रेसवे 120 किमी प्रति घंटा है। लेकिन, इस एक्सप्रेस-वे पर आप बेवजह गाड़ी को नहीं रोक सकते। वाहन को अचानक रोके जाने पर चालान काटा जाएगा। बाकी एरिया में ही गाड़ी रोकने की इजाजत है। कुछ दूरी पर विश्राम स्थल बनाए गए हैं। एक्सप्रेस-वे पर बिना रेस्ट एरिया के गाड़ी को तभी रोका जा सकता है, जब कोई तकनीकी खराबी हो.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए कई तरह के इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली से वडोदरा तक इस पूरे हाईवे पर कहीं भी ब्रेकर नहीं है. हाईवे को काफी ऊंचा बना दिया गया है। सड़क पर आवारा जानवर न आ जाएं, इसके लिए हाईवे के दोनों ओर बेरिकेडिंग कर दी गई है। जर्मन तकनीक से बनी इस सड़क पर 120 किमी की रफ्तार से गाड़ी चलाने पर भी झटका नहीं लगता। इसके साथ ही ऑटो रिक्शा, बाइक, ट्रैक्टर-ट्रॉली, घोड़ा और बैलगाड़ी जैसे धीमी गति से चलने वाले वाहन नहीं चल सकेंगे।
दिल्ली-मुंबई यात्रा का समय आधा हो जाएगा
देश के इस सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच कार से 12 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अब इस सफर को तय करने में 24 घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से देश के अन्य कई बड़े शहरों में आने-जाने में कम समय लगेगा.
(pc rightsofemployees)