- SHARE
-
सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अब ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, सीपीएपी और बीआईपीएपी मशीन खरीदने के लिए पैसा दिया जाएगा। इतना ही नहीं सेवानिवृत्त कर्मियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली-2011 में संशोधन कर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सीपीएपी और बीआईपीएपी को कृत्रिम अंगों की सूची में शामिल किया है।
इससे कुल 21 लाख सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मी लाभान्वित होंगे। इन उपकरणों की खरीद पर राज्य सरकार 50 हजार रुपये से 1.20 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति करेगी। कोरोना महामारी और वायु प्रदूषण के कारण फेफड़े से संबंधित बीमारी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सीपीएपी और बीआईपीएपी मशीनों की जरूरत होती है।
प्रतिपूर्ति से संबंधित आवेदनों पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की अध्यक्षता वाली समिति विचार करेगी और उनका निस्तारण करेगी। आवेदन पत्र के साथ चिकित्सकीय परामर्श एवं फेफड़ों की बीमारी से संबंधित सभी आवश्यक जांच रिपोर्ट संलग्न करनी होगी। सीएमओ द्वारा नामित दो श्वसन विशेषज्ञ डॉक्टर भी समिति में शामिल होंगे। केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश का कहना है कि वायु प्रदूषण, धूम्रपान, अत्यधिक मोटापा और कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के फेफड़े खराब हो रहे हैं.
क्षतिग्रस्त फेफड़े को सामान्य फेफड़े की तुलना में शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बनाए रखने में कठिनाई होती है। ऐसे में उन्हें लंबे समय तक ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत होती है। ऐसे में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सीपीएपी और बीआईपीएपी मशीन खरीदनी पड़ती है। सरकार द्वारा इनकी खरीद पर फिलहाल राशि की प्रतिपूर्ति से सेवारत एवं सेवानिवृत कर्मचारियों व अधिकारियों को लाभ मिलेगा।
पांच साल बाद बदल सकेंगे ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर-
चूंकि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, CPAP और BiPAP मशीनें जीवन रक्षक उपकरण हैं और वे केवल पांच साल तक ही ठीक से काम कर सकती हैं। ऐसे में सरकार ने इन उपकरणों को बदलने और पांच साल बाद नए उपकरण लेने की अनुमति दे दी है। यदि इस उपकरण वाली कंपनी का सर्विस मैनेजर इसे ठीक करने में विफल रहता है और इसे खराब घोषित करता है, तो कर्मचारी इसे एक नए से बदलने में सक्षम होंगे।
वह सरकार को एक वचन भी देगा कि वह इन उपकरणों की खरीद के लिए पांच साल तक प्रतिपूर्ति का दावा नहीं करेगा। वही खराब आक्सीजन कंसंट्रेटर, सीपीएपी व बीआईपीएपी मशीन को वह अपने जिले के सीएमओ के पास जमा कराएंगे और सीएमओ इन खराब उपकरणों को स्वास्थ्य महानिदेशालय में जमा कराएंगे.
(PC rightsofemployees)