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वर्तमान में सरकार कल्याणकारी योजनाओं के लिए ई-फॉर्म वाउचर का उपयोग कर रही है। इसके माध्यम से लाभार्थियों को त्वरित, कैशलेस और संपर्क रहित तरीके से पैसा मिलता है।
साथ ही इसमें किसी बिचौलिए की भी जरूरत नहीं है। अब आरबीआई ने इसका दायरा बढ़ाने की बात कही है। आरबीआई का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नियमों को सरल करेगा. साथ ही इसे कैसे तेज किया जाए। इसकी रूपरेखा भी लाने की तैयारी है। आपको बता दें कि यह उन लोगों के लिए है जो मनी ट्रांसफर या बैंक का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
आसान शब्दों में कहा जाए तो किसी के साथ भी बुरा वक्त आता है और वह अस्पताल में भर्ती हो जाता है। उसके पास पैसा नहीं है। सरकार या कोई संस्था उसकी मदद करती है। ऐसे में उनके मोबाइल पर एक क्यूआर कोड भेजा जाएगा। जिसे अस्पताल स्कैन कर उसका भुगतान ले सकता है।
आरबीआई ने हाल ही में बदला एक और नियम-
पिछले कुछ महीने पहले इसकी लिमिट को बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया था। पहले आप इसे 10,000 रुपये की सीमा तक ही इस्तेमाल कर सकते थे।
आपको बता दें कि ई-फॉर्म डिजिटल वाउचर को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने तैयार किया है। इसके साथ ही इसे बनाने में वित्तीय सेवा विभाग और सरकार के कुछ अन्य मंत्रालयों ने भी मदद की है।
इस ई-फॉर्म डिजिटल वाउचर पर एक क्यूआर कोड होता है, जिसे स्कैन कर तुरंत लाभार्थी के खाते में पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। इससे पैसा जल्दी सही जगह पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है।
(pc rightsofemployees)