दिवाली 2024: माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा का क्या कारण है? जानें इसके पीछे की कहानी

Trainee | Friday, 25 Oct 2024 12:34:07 PM
Diwali 2024: What is the reason for worshipping Goddess Lakshmi and Lord Ganesha together? Know the story behind it

माता लक्ष्मी धन की देवी हैं, जबकि भगवान गणेश बुद्धि और विवेक का प्रतीक हैं। लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति धन प्राप्त कर सकता है, लेकिन बिना बुद्धि के उसे संभालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दीवाली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, पांच दिनों का त्योहार है, जो धनतेरस से शुरू होता है, जिस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस अवधि में नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे त्योहार शामिल हैं, जो दिवाली पर समाप्त होते हैं, जिसे कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष, दीवाली 31 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी।

दिवाली की रात, लोग अपने घरों, दफ्तरों, दुकानों और कार्यस्थलों पर प्रदोष काल में लक्ष्मी-गणेश पूजा करते हैं। आमतौर पर माता लक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ की जाती है, लेकिन दिवाली पर उनकी पूजा विशेष रूप से भगवान गणेश के साथ की जाती है।

जब भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी के गर्व को तोड़ा: कथा के अनुसार, वैकुंठ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के बीच एक चर्चा हुई। इस वार्तालाप में लक्ष्मी ने गर्व से कहा, 'मैं धन, समृद्धि, भाग्य और देती हूँ। मेरी कृपा भक्तों को हर प्रकार की खुशी देती है, जिससे मेरी पूजा सर्वोच्च मानी जाती है।'

उसका गर्व भांपते हुए भगवान विष्णु ने उसे विनम्र करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, 'तुम सच में सर्वोच्च हो, लेकिन तुम्हारी नारीत्व केवल तब पूर्ण माना जाता है जब उसमें मातृत्व की खुशी शामिल हो।'

भगवान गणेश कैसे बने माता लक्ष्मी के गोद लिए हुए पुत्र: यह सुनकर माता लक्ष्मी दुखी हो गईं और उन्होंने अपनी भावनाएं माता पार्वती से साझा कीं। इसके जवाब में, पार्वती ने अपने पुत्र भगवान गणेश को लक्ष्मी को गोद लेने के लिए दिया, जिससे माता लक्ष्मी को बहुत खुशी मिली। इसके बाद माता लक्ष्मी ने घोषणा की कि भक्त केवल लक्ष्मी और गणेश की एक साथ पूजा करके धन, सफलता और समृद्धि प्राप्त करेंगे। तभी से, दीवाली पर भगवान गणेश को लक्ष्मी के गोद लिए हुए पुत्र के रूप में पूजा जाता है।

दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का महत्व: शास्त्रों में माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना गया है, जबकि भगवान गणेश को बुद्धि और विवेक का देवता कहा गया है। लक्ष्मी की कृपा से धन मिलता है, लेकिन उसे समझदारी से संभालने के लिए बुद्धि की आवश्यकता होती है। दीवाली पर लक्ष्मी और गणेश की एक साथ पूजा करने से यह सुनिश्चित होता है कि व्यक्ति धन के साथ-साथ इसे सोच-समझकर उपयोग करने की बुद्धि भी प्राप्त करे, जिससे भौतिकता के अतिवृद्धि से बचा जा सके और समृद्धि को विवेकपूर्वक सुरक्षित किया जा सके।

 

 

 

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