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दीवाली रोशनी का त्योहार है और भारत के सबसे प्रतीक्षित त्योहारों में से एक है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं ताकि आप दीवाली का जश्न स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से मना सकें।
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जलने की चोटों से बचें: दीवाली के दौरान जलने की चोटें एक आम स्वास्थ्य समस्या हैं। इसके लिए शुद्ध कपास के कपड़े पहनें, क्योंकि सिंथेटिक कपड़े जल्दी आग पकड़ लेते हैं। पैरों की जलने की चोटों से बचने के लिए बंद जूते पहनें। पटका या किसी भी लम्बे कपड़े को दीवाली के दौरान पटाखे जलाते समय पहनने से बचें।
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वायु प्रदूषण को कम करें: दीवाली के दौरान मोमबत्तियाँ या दीप जलाने से वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। लोग बाजार में उपलब्ध रंगीन LED लाइट्स का भी उपयोग कर सकते हैं। वायु प्रदूषण आंखों, नाक, गले और त्वचा में जलन पैदा कर सकता है, जिससे आंखों से पानी आना, छींकना और सूखी खांसी हो सकती है। इसलिए, नाक स्प्रे और एंटी-एलर्जिक दवाओं का भंडार करना उचित है। इससे ब्रोन्कियल अस्थमा या COPD के लक्षण भी बढ़ सकते हैं, जिससे श्वसन संकट हो सकता है। ऐसे मरीजों को फेस मास्क का उपयोग करना चाहिए।
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हरा पटाखे फोड़ें: सामान्य पटाखों के मुकाबले हरे पटाखे फोड़ना बेहतर है क्योंकि यह कम प्रदूषण उत्पन्न करते हैं और इनकी आवाज 125 dB से कम होनी चाहिए। अधिक शोर करने वाले पटाखे सुनने की क्षमता खोने, सिरदर्द, चिंता, उच्च रक्तचाप या हृदय रोगों को बढ़ा सकते हैं।
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घर के अंदर रहें: ब्रोन्कियल अस्थमा, COPD या हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को खासतौर पर शाम के समय घर के अंदर रहना चाहिए, क्योंकि पटाखों से निकलने वाली गैसों को सांस में लेना लक्षणों को बढ़ा सकता है। मरीजों को अपने साथ आवश्यक दवाएं जैसे इनहेलर रखना चाहिए।
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बाहर व्यायाम से बचें: इस समय के दौरान बाहर व्यायाम करने से बचना बेहतर है क्योंकि प्रदूषण स्तर अधिक होगा।
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बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें: इस समय बच्चों की बाहरी गतिविधियों को सीमित करना उचित है। यदि बच्चे हरे पटाखे फोड़ रहे हैं, तो उन्हें वयस्कों की उचित निगरानी में ऐसा करना चाहिए ताकि जलने की चोटों से बचा जा सके।
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संतुलित आहार लें: उच्च कोलेस्ट्रॉल या इस्केमिक हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को तले हुए खाद्य पदार्थों और घी वाले उत्पादों से बचना चाहिए। मधुमेह के मरीजों को दीवाली के दौरान आदान-प्रदान की जाने वाली मिठाइयों से बचना चाहिए। लोगों को हरी पत्तेदार सब्जियों, लीन प्रोटीन और फलों से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए।
इन सुझावों का पालन करके, आप दीवाली का जश्न सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक तरीके से मना सकते हैं।
PC - DESUN SILIGURU