धनतेरस 2024: पूजा विधि, मंत्र, दीपदान का महत्व और इस त्योहार के बारे में सभी जानकारियाँ क्लिक कर जानें

Trainee | Wednesday, 23 Oct 2024 06:24:02 PM
Dhanteras 2024: Click to know about Puja Vidhi, Mantra, Importance of Deepdaan and all the information about this festival

धनतेरस पर शुभ खरीदारी और भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है, जिससे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानिए इस पर्व के बारे में विस्तार से:

धनतेरस 2024:
दीवाली का पर्व धनतेरस से शुरू होता है, जो भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इस वर्ष धनतेरस 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन सोना, चांदी, वाहन, बर्तन, खाता-बही, संपत्ति और इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे कीमती सामान खरीदना शुभ माना जाता है। इन खरीदारी से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने की उम्मीद होती है।

बर्तन खरीदने का महत्व:

धनतेरस को धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इस अवसर को मनाने के लिए लोग धातु के बर्तन खरीदते हैं।

धनतेरस 2024 पूजा समय:

  • धनतेरस: 29 अक्टूबर 2024
  • कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी प्रारंभ: 29 अक्टूबर 2024, सुबह 10:31 बजे
  • कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी समाप्त: 30 अक्टूबर 2024, दोपहर 1:15 बजे
  • पूजा का समय: शाम 6:31 - 8:13 बजे
  • यम दीपम का समय: शाम 5:38 - 6:55 बजे

धनतेरस पूजा की विधि:

सुबह की क्रियाएँ:

  • घर की सफाई के बाद सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ या नए वस्त्र पहनें।
  • रंगोली: मुख्य प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाएं और अपने कार्यस्थल या दुकान को साफ करें। तोरण (दरवाजे की सजावट) से सजाएं और देवी लक्ष्मी के चरण चिन्ह बनाएं।
  • भगवान धन्वंतरि को अर्पण: कृष्ण तुलसी, गाय का दूध, और मक्खन का भोग तैयार करें। यदि आप पीतल के सामान खरीदते हैं, तो उन्हें भगवान को अर्पित करें।

पूजा की प्रक्रिया:

  • भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी के लिए 16 अर्पणों (शोदोशोपचार) की पूजा करें, जिसमें कुमकुम, हल्दी और चावल शामिल हों। देवताओं की पूजा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके करें।

खरीदारी:
शुभ समय में खरीदारी करें और किसी भी वस्तु का उपयोग करने से पहले, उसे धनतेरस पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी को समर्पित करें।

शाम की क्रियाएँ:
शाम को आटे से चार मुखी दीपक बनाएं और उसमें सरसों या तिल का तेल डालें। इसे घर के बाहर दक्षिण दिशा में या दरवाजे पर रखें।

'यम दीपम' का महत्व:

धनतेरस की शाम, भक्त भगवान यम (मृत्यु के देवता) के नाम से दीप जलाते हैं। ऐसा करने से मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। ये दीप दक्षिण दिशा में रखे जाने चाहिए।

धनतेरस मंत्र:

  • धन्वंतरि मंत्र: “ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः”
  • कुबेर मंत्र: “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धनाय अधिपतये धन धनाय समृद्धिम मे देहि दापय।”

 

 

[अस्वीकृति: इस लेख की सामग्री केवल मान्यताओं पर आधारित है और इसे सामान्य मार्गदर्शन के रूप में लिया जाना चाहिए। व्यक्तिगत अनुभव भिन्न हो सकते हैं। समाचार जगत किसी भी दावा या जानकारी की सटीकता या वैधता का दावा नहीं करता है। चर्चा की गई किसी भी जानकारी या विश्वास पर विचार करने या लागू करने से पहले योग्य विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यधिक अनुशंसित है।]

 

 

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