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सरकार ने पेंशन नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए बेटियों के अधिकारों को सुरक्षित करने का कदम उठाया है। अब पेंशन से बेटियों का नाम हटाना संभव नहीं होगा। पेंशनभोगी कल्याण विभाग के नए निर्देशों के अनुसार, अविवाहित, विवाहित, विधवा, सौतेली और गोद ली गई बेटियां भी सरकारी पेंशन की पात्र होंगी।
मुख्य बिंदु:
- पेंशन में बेटियों का नाम अनिवार्य: सरकारी कर्मचारी अब अपनी बेटियों का नाम पेंशन आवेदन में अनिवार्य रूप से जोड़ेंगे।
- विकलांग बेटियों को विशेष लाभ: मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बेटियों को तब तक पेंशन का अधिकार रहेगा, जब तक वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी न हो जाएं।
- परिवार की आर्थिक सुरक्षा: यह नियम सुनिश्चित करेगा कि परिवार को कर्मचारी की मृत्यु के बाद भी आर्थिक सहायता मिलती रहे।
विकलांग बच्चों का प्राथमिकता अधिकार
सरकार ने विकलांग बच्चों को पेंशन में प्राथमिकता देने का भी प्रावधान किया है। इसके बाद बेटियों का नाम जोड़ा जाएगा, जिससे उनके अधिकार और सुरक्षा सुनिश्चित हो सकें।
फैमिली पेंशन का महत्व
फैमिली पेंशन सरकारी कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की व्यवस्था है। नए नियम इस प्रक्रिया को और पारदर्शी और न्यायसंगत बनाएंगे।